उत्तराखण्ड
जल्द होगी नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा, सोनिया गांधी लगाएगी मोहर
देहरादून। एक ओर कलह तो दूसरी ओर कांग्रेस अभी तक अपना नेता प्रतिपक्ष की घोषणा तक नहीं कर सकी। आज सत्र की शुरुआत हुई है और सदन में कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं है। चुनाव में हार को लेकर प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव व एआइसीसी से नियुक्त पर्यपवेक्षक अविनाश पांडेय दून में मंथन कर चुके हैं। जल्द नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा भी हो जाएगी।
कांग्रेस के सभी विधायकों ने यह निर्णय हाईकमान पर छोड़ दिया है। यानी राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी नेता प्रतिपक्ष के नाम पर मुहर लगाएगी।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 19 विधायकों वाली कांग्रेस ने अभी तक नेता प्रतिपक्ष नहीं चुना है और आज सत्र के पहले दिन कोई भी नेता प्रतिपक्ष सदन में नही है। प्रदेश प्रभारी संग बैठक के बाद पार्टी विधायकों ने यह फैसला हाईकमान पर छोड़ दिया। चुनाव से 6महीने अध्यक्ष बनाए गए गणेश गोदियाल श्रीनगर सीट से कम वोटों से चुनाव हारे थे। जिन पांच राज्यों में कांग्रेस हारी वहां पांचों प्रदेश अध्यक्षों से इस्तीफा ले लिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फिलहाल कांग्रेस का एक धड़ा गोदियाल को दोबारा मौका देने के पक्ष में भी है।लेकिन अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। एक ओर हरीश धामी नेता प्रतिपक्ष बनने की दावेदारी पेश कर चुके हैं। इतना जरूर तय है कि नया पीसीसी चीफ मिलने पर कुछ जिलाध्यक्षों पर भी गाज गिर सकती है। इसके अलावा चुनावी सीजन में धड़ल्ले से बांटे गए प्रदेश स्तर के पदों में भी छंटनी की संभावना है। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष का नाम भी तय होना है।
सूत्रों से खबर मिली है कि पीसीसी अध्यक्ष का चेहरा घोषित होने के बाद कई जिलों में बड़ा फेरबदल हो सकता है। खबर है कि कई जिलों के जिलाध्यक्षों के पदों में भी फेरबदल होगा। उन जिलों पर ज्यादा फोकस रहेगा। जहां लंबे समय से एक ही नेता कुर्सी पर जमा है। खुद कांग्रेस के कार्यकर्ता जगह जगह से ये मांग उठा रहे हैं। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में अंदरुनी कलह कम होने का नाम नहीं ले रही। हरीश रावत लगातार कांग्रेस के दिग्गजों पर वार कर रहे हैं और उन्हें हार का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं तो वहीं कांग्रेस के उपाध्यक्ष को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।