कुमाऊँ
प्रतिभा कभी परिचय का मोहताज नहीं होती, तीनों भाई बहनों ने बिखेरे भक्ति के रंग
हल्द्वानी। प्रतिभा कभी परिचय का मोहताज नहीं होती यह कहावत इमली धड़ा में रहने वाले तीन भाई-बहनों ने चरितार्थ की है।
इमली धडा हल्द्वानी में रहने वाले पांडे परिवार जो कि हिंदू सनातन संस्कृति को पिरोए हुए हैं। बचपन से ही कृष्ण के प्रति उनकी आस्था में भक्ति और उनके द्वारा गाए जाने वाले भजनों तथा उनके द्वारा वाद्य यंत्रों के बारे में स्वरों की बारीकी देखते ही बनती है, अपनी कला कौशल के माध्यम से इस लॉकडाउन में भी ऑनलाइन के माध्यम से अनेक बच्चों को हारमोनियम ,तबला, बैंजो, ओक्टा पेड आदि सिखाने की ट्रेनिंग देते हैं। पांडे परिवार जो कि मूल रूप से धनियाकोट गांव के निवासी हैं अपनी लगन और मेहनत के परिणाम स्वरूप ही तीनों बच्चे अपनी सुर साधना के माध्यम से आज अनेकों प्रोग्राम तथा जन सेवा के कार्यों में बढ़ चढ़कर अपनी भागीदारी निभाते आ रहे हैं।
एक संक्षिप्त वार्ता में प्रफुल पांडे ने बताया कि उन्हें बचपन से ही संगीत का शौक रहा है उसी शौक को उनके माता- पिता श्रीमती शोभा पांडे तथा मनोज पांडे द्वारा प्रोत्साहित करने का कार्य किया , उसी का परिणाम है जो आज बच्चे इस मुकाम पर पहुंचे हैं उनके द्वारा गाए गए कृष्ण के भजन विशेष रुप से जनता में लोकप्रिय हैं मनोज पांडे द्वारा बताया गया कि वह भी सनातन धर्म के अनुयाई हैं और अनेकों गौ रक्षा सेवा समिति से जुड़कर इस पुण्य कार्य को आगे बढ़ाने में अपना बहुमूल्य समय देते हैं।
( हेमचन्द्र लोहनी संवाददाता )