Connect with us
Breaking news at Parvat Prerna

उत्तराखण्ड

राजधानी पहुंचकर निराश हुए काश्तकार

भ्रष्टाचार मिटाओ उद्यान बचाओ, नियमित निदेशक निदेशालय चौबटिया में बैठाओ यात्रा ।

रानीखेत संवाददाता – सामाजिक कार्यकर्ता दीपक करगेती नेतृत्व में विगत 5 जून को रानीखेत से गैरसैंण तक काश्तकारों के साथ मिलकर जनहित यात्रा शुरू की गई जो उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंन) पहुंची। जहां पहुंचने पर काश्तकारों को मुख्य द्वार पर ही रोक लिया गया। जब काश्तकारों ने राजधानी में ज्ञापन देने की बात की तो ड्यूटी पर तैनात किए गए पुलिस बल ने उन्हें यह कहकर अंदर नहीं जाने दिया कि यहां कोई रहता ही नहीं है, और इस बार यहां होने वाला सत्र भी स्थगित कर देहरादून में ही हो रहा है।

काश्तकारों ने मुख्य द्वार पर ही उद्यान बचाओ भ्रष्टाचार मिटाओ, नियमित निदेशक निदेशालय में लाओ के नारे प्रारंभ कर दिए। सामाजिक कार्यकर्ता दीपक करगेती ने कहा कि हम काश्तकारों की पीड़ा को लेकर गैरसैंण इसलिए आए थे। क्योंकि सरकार द्वारा इसे हमारी ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था। ऐसे में हमें उम्मीद थी। कि कम से कम 6 महीने ग्रीष्मकाल में यहां प्रत्येक विभाग के अपर कर्मचारी, सचिव, निदेशक और सरकार के नुमाइदे बैठते होगें लेकिन यहां आकर पता चला कि अरबों रुपयों से बनी हमारी राजधानी में कोई है ही नहीं। राजधानी केवल सफेद हाथी का एक रूप है ।

काश्तकारों ने राजधानी में अपनी यात्रा को पुर्ण किया और भविष्य में उद्यान के साथ साथ राजधानी के लिए भी संघर्ष करने की बात कही। दीपक करगेती के नेतृत्व में यहां भुवन शुयाल, बलवंत, राजेन्द्र जोशी, दीपक कांडपाल, कैलाश, राजेंद्र, विनोद, महेश आर्या, रमेश सहित सभी काश्तकार लोग उपस्थित रहे।

यह भी पढ़ें -  नैनीताल : भीमताल बस दुर्घटना में 4 की मौत, कार को बचाने के चक्कर में हुआ हादसा
Continue Reading
You may also like...

More in उत्तराखण्ड

Trending News