Connect with us

उत्तराखण्ड

जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर भीमताल विधानसभा वासी,आखिर कब निकलेगा सड़क का स्थाई समाधान, देखें वीडियो…

संवाददाता शंकर फुलारा

भीमताल। भीमताल विधानसभा के अंतर्गत काठगोदाम से 3 किलोमीटर ऊपर विगत वर्ष लैंडस्लाइडिंग की वजह से पहाड़ी दरकने से पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा सड़क पर आ गया और सड़क मलबे से पट गई।

जिस पर प्रशासन द्वारा वहां जेसीबी लगाकर मलवा हटाया गया । स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सड़क पर जेसीबी द्वारा जो मिट्टी हटाई जा रही थी उसे कुछ सफेदपोश नेताओं द्वारा 400/ 500 ट्रक से ऊपर की मिट्टी को किनारे लगा दिया गया और यहां पर जेसीबी लगाकर मिट्टी बेचने का काम बदसूरत चालू रहा।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इसमें यहां के छूटभयये नेता भी करोड़पति बन गये। आज वह बोलेरो और कई गाड़ियों के मालिक बन चुके हैं यह सब भीमताल विधानसभा के एक सफेदपोश नेता के संरक्षण में फल फूल रहा है।

6 माह से भी अधिक का समय बीत जाने के बावजूद भी प्रशासन द्वारा काठगोदाम हेड़ाखान के बीच पसौली के नजदीक पड़ने वाले इस जगह पर आज तक प्रशासन द्वारा कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाया जिससे ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हो रहे हैं।

काठगोदाम हेड़ा खान मार्ग से रोजाना भीमताल ब्लॉक के दर्जनों गांव , ओखलकांडा ब्लॉक और चंपावत जिले को जोड़ने वाले मार्ग से कई वाहन यहां से गुजरते हैं। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि बरसात का समय नजदीक है बरसात से पहले इस मार्ग का कोई स्थाई समाधान नहीं निकाला गया तो ग्रामीणों का काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा और उन्हें बाया धारी धानाचुली होते हुए लंबे समय का सामना करना पड़ेगा।

यह भी पढ़ें -  देहरादून के इन छह व्यस्ततम चौराहों पर धरना प्रदर्शन और रैलियों पर प्रतिबंध,आदेश जारी

जिससे समय के साथ-साथ धन की भी बर्बादी होगी। हल्द्वानी से भीमताल, ओखल कांडा और चंपावत जिलों से रोजाना यहां से आवागमन करने वाले कर्मचारीयों के सामने भी मुश्किल खड़ी हो जाएगी।

भीमताल ब्लॉक से जोड़ने वाले दर्जनों गांव का संपर्क हल्द्वानी से कट जाएगा जिससे उन्हें बरसात में खाद्यान्न का संकट और साग सब्जी और फलों का हल्द्वानी भेजना मुश्किल हो जाएगा जोकि पहाड़ के क्षेत्रों के ग्रामीणों का आजीविका का मुख्य साधन है।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यहां के जनप्रतिनिधि अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं निकाल पाए हैं वह केवल लैंड स्लाइडिंग की आड़ में मिट्टी बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं जिसमें प्रशासन की भी मिलीभगत नजर आती है।

स्थानीय ग्रामीणों को नजदीक आती बरसात के सीजन का भय सता रहा है जिससे कि उन्हें इस सड़क से जाना दुभर हो जाएगा और उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। ग्रामीण दबी जुबान से जनप्रतिनिधियों को कोसते हुए नजर आए।

More in उत्तराखण्ड

Trending News