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कोसी व शिप्रा नदी के उफान ने बढ़ाई धड़कनें, जिला प्रशासन ने की अपील
बारिश से कोसी व शिप्रा नदी के उफान में आने से नदी तट के समीप रहने वाले लोगों की धड़कनें बढ़ गई। करीब पांच वर्ष पूर्व नदियो से हुए नुकसान को याद कर लोग दहशत में आ गए। नदी तट के समीप रहने वाले ग्रामीण छतों पर चढ़कर नदी के बहाव की निगरानी में जुटे रहे। श्री कैंची धाम तहसील प्रशासन की टीम ने क्षेत्र में मुनादी कर नदी से दूर रहने की अपील की। नदी के बीच दर्जन भर गौवंशीय पशुओं के फंसने से हड़कंप मचा रहा।गरमपानी खैरना क्षेत्र में बहने वाली शिप्रा व कोसी नदी का बहाव एकाएक बढ़ जाने से स्थानीय लोग सख्ते में आ गए। लगातार बारिश से दोनों नदियों का जलस्तर काफि बढ़ गया। शांत रहने वाली दोनों नदियों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। नदी तट के समीप रहने वाले लोगों में दहशत बढ़ गई।पांच वर्ष पूर्व शिप्रा नदी के उफान ने चार आवासीय भवनों को नेस्तनाबूत कर दिया जबकि दर्जनों भवनों को भारी नुकसान पहुंचाया था। नदी के लगातार बढ़ते बहाव से पुनरावृत्ति की डर से लोग मकानों की छत में चढ़कर बहाव की निगरानी करते रहे।बारिश के बीच भी लोग छतों में चढ़कर नदी के बहाव की ओर टकटकी लगाए रहे। शिप्रा व कोसी नदी के उफान में आने से प्रशासन की टीम ने गरमपानी खैरना क्षेत्र में मुनादी कर नदियों की ओर न जाने तथा खतरा बढ़ने पर राहत शिविरों में पहुंचने की अपील की। क्षेत्र में कोसी नदी के बीचोंबीच दर्जनभर गौवंशीय पशुओं के फंसने से हड़कंप मच गया। तेज बहाव में कोई भी नदी में उतरने का साहस नहीं कर सका।ग्रामीणों के हो हल्ला करने से गौवंशीय पशु सुरक्षित नदी के दूसरे छोर पर पहुंच गए। मवेशियों के सुरक्षित रहने से पशुपालकों ने राहत की सांस ली।

