उत्तराखण्ड
हमारी उत्तराखंडियत संस्कृति का केंद्र बिंदु हल्द्वानी है: रावत
-उत्तराखंड कि भूमि छ शान हमेरि” और हरदा के गीतों में थिरकी हल्द्वानी
-पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किया उत्तराखंडियत अभियान के पहले चरण का शुभारंभ
हल्द्वानी। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंडियत” हम छू उत्तराखंडी, “उत्तराखंडियत हमेरि पछयांण” अभियान के पहले चरण की मंगलवार को शुरुआत की। कैनाल रोड स्थित कृपा सिंधु बैंकट हॉल परिसर में आयोजित भव्य कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि रावत ने कहा कि उत्तराखंडियत हमारे रग रग में समाई हुई है। हल्द्वानी हमारी आर्थिक राजधानी होने के साथ ही उत्तराखंडियत संस्कृति का केंद्र बिंदु है। इस दौरान प्रसिद्ध लोक गायिका और पूर्व मुख्यमंत्री रावत की संस्कृतिक सलाहकार माया उपाध्याय के गीतों में लोग खूब शिरके।
कार्यक्रम में उमड़ी हजारों की भीड़ को संबोधित करते हुए रावत ने कहा कि हल्द्वानी हमारा शक्ति केंद्र है। यह हमारी आर्थिक राजधानी होने के साथ ही ऐसा केंद्र बिंदु है जहां से सारी गतिविधियां चलती हैं।
यह हमारा ऐसा संधि स्थल है, जहां पहाड़ के साथ ही तराई और भावर क्षेत्र के विभिन्न जाति धर्म के लोग पूरे प्रेम भाव के साथ रहते हैं। आज हमें
पहाड़ की संस्कृति को देश दुनिया में फैलाने की जरूरत है। हमारे पहाड़ का हुनर निश्चित तौर पर आनंदित करने वाला है। हमारी संस्कृति की नींव हमारी लोक परंपराएं हैं। हमारा शिल्प चाहे वह पत्थर का हो या लकड़ी का अद्भुत है। बद्रीनाथ, केदारनाथ समेत समस्त चार धाम, जागेश्वर धाम समेत अन्य धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक स्थलों की हस्तकला किसी से छिपी नहीं है।
हमारी हस्तकला का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है। हमारे उत्तराखंड की माता-बहनों का पहनावा तथा श्रृंगार ऐसा है कि मानो साक्षात देवी रूप प्रतीत होती हैं। हम अपनी उत्तराखंडियत को प्रचारित, प्रसारित और संरक्षित करने के साथ ही आजीविका के क्षेत्र में बहुत कुछ नया करेंगे। यह हमारा दुर्भाग्य है कि आज भी हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे लोग हैं जिनके पास रहने के लिए घर नहीं है। ऐसे लोग हैं जिनके पास आजीविका का कोई साधन नहीं है। ऐसे लोग हैं जो अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए सक्षम नहीं हैं। हम उस गरीब का सहारा बनेंगे जो सक्षम नहीं है। उन्होंने कहा कि जब हरीश रावत हरीश रावत मुख्यमंत्री था तो उसने गरीब का ध्यान रखते हुए सबकी पेंशन लगा दी थी। आज भी हजारों पेंशन धारक उसी का फायदा उठा रहे हैं।
अब जब 2022 में कांग्रेस की सरकार होगी तो हम अपनी उत्तराखंडियत में आधुनिकता का समावेश करेंगे। हम अपने गोलज्यू और भूमिया देवता समेत सभी देवी देवताओं की परंपरा को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। हम अपनी उत्तराखंड की पहचान को पूरी दुनिया में फैला देंगे। हमारी धरती की पहचान उत्तराखंडियत पूरी दुनिया में फैले ऐसा काम करेंगे। उन्होंने उत्तराखंडियत कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया और लोक गायिका माया उपाध्याय की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह सफल आयोजन दीपक के बिना संभव नहीं था।
गुरु के बिना मंत्री यशपाल आर्य ने हरदा की तारीफ करते हुए कहा कि आज हरदा पूरे उत्तराखंड की आवाज बन चुके हैं।
उन्होंने इस आयोजन के लिए प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि हमें अपनी संस्कृति को संरक्षित करने के लिए इस तरह के आयोजन करते रहने होंगे। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि हमारी परंपराएं और शिल्प को आगे बढ़ाने की जरूरत है। दीपक की यह पहल निश्चित तौर पर सराहनीय कदम है। कार्यक्रम संयोजक दीपक बल्यूटिया ने सभी अतिथियों का स्वागत और धन्यवाद करते हुए कहा कि हम अपनी संस्कृति के संरक्षण और प्रचार प्रसार के लिए हमेशा इस तरह के कार्यक्रम करते रहेंगे। उन्होंने इस कार्यक्रम को कराने के लिए प्रेरणास्रोत रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और माया उपाध्याय का आभार जताया।
इससे पूर्व रावत दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। लोक गायिका माया उपाध्याय और उनकी टीम ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर दर्शकों को थिरकने के लिए मजबूर कर दिया। कार्यक्रम में हल्द्वानी विधानसभा क्षेत्र से हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
जब कुर्सियां कम पड़ गई
उत्तराखंडियत कार्यक्रम को देखने के लिए कृपा सिंधु बैंकट हॉल में हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी। आयोजन के लिए जितनी भीड़ जुटने की अपेक्षा की गई थी उससे दोगुनी भीड़ जुट गई। आलम यह रहा कि कुर्सियां कम पड़ गई। बाद में 1000 कुर्सियां दोबारा मंगाई गई। वह भी पर्याप्त नहीं हुई। इसके बाद लोग खड़े होकर कार्यक्रम देखते रहे। लोगों का उत्साह इतना चरम पर था कि बैठने के लिए स्थान नहीं मिलने के बावजूद कार्यक्रम स्थल में जमे रहे।
माया के गीतों में खूब थिरके लोग
प्रसिद्ध लोक गायिका माया उपाध्याय का प्रसिद्ध गीत हरदा हमारा आला दोबारा, उत्तराखंड कि भूमि छ शान हमेरि आदि गीतों में लोगों ने खूब नाच किया। पूरे कार्यक्रम के बीच लोग हरदा के नारे लगाते रहे।