उत्तराखण्ड
मुख्यमंत्री ने देखा पौराणिक बग्वाल युद्ध, 7 मिनट तक चले बग्वाल युद्ध में लगभग 150 रणबाकुरे घायल
रिपोर्ट – विनोद पाल
देवीधुरा। चंपावत जनपद के देवीधुरा स्थित सुप्रसिद्ध माता बाराही धाम में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी रक्षाबंधन के अवसर पर पौराणिक पाषाण युद्ध (बग्वाल) का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के साथ मां बाराही धाम पहुंचकर माता की पूजा कर बग्वाल युद्ध देखा और युद्ध खेलने वाले रणबाकुरो का हौसला बढ़ाया। इस वर्ष कुल 7 मिनट तक चले बग्वाल युद्ध में लगभग 150 रणबाकुरे घायल हुए।
चंपावत जनपद के सुप्रसिद्ध मां बाराही धाम में होने वाले बग्वाल का साक्षी बनने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी विधानसभा चंपावत के देवीधुरा पहुंचे। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी रक्षाबंधन के दिन मां बाराही धाम में पौराणिक पाषाण युद्ध (बग्वाल) का आयोजन किया गया। पौराणिक लोक कथाओं के अनुसार पहले इस क्षेत्र में मानव बलि की प्रथा थी जिसे कालांतर में बदलकर पत्थरों से खेली जाने वाली होली में बदल दिया गया, जिसे अब पाषाण युद्ध बग्वाल कह कर पुकारा जाता है यह युद्ध स्थानीय निवासी चार खामों क्रमश चम्याल, गहरवाल, बालिक और लंमगड़िया खाम के बीच में खेला जाता है। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब यह युद्ध फल फूलों जैसे नाशपाती अमरूद आदि से खेला जाता है।
परंतु यह भी कडवा सच है की खेल के उत्साह में खेल खेलने वाले चारों खेमो के योद्धाओं के द्वारा पत्थरों का उपयोग भी हो ही जाता है। जिसका प्रमाण इस बात से मिलता है कि इस बार 7 मिनट तक चले बग्वाल युद्ध में लगभग 150 रणबाकुर घायल हुए हैं। जिनका इलाज मौके पर ही किया जा रहा है। चार गंभीर घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। इस वर्ष बग्वाल का आयोजन दोपहर के 2:14 से शुरू किया गया और जो 2:21 तक चला।
इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं जाकर घायल रणबाकुरों का हाल जाना। मीडिया को जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि हम प्रदेश के सभी मंदिरों को मानस खंड मंदिर माला मिशन के तहत विकसित करने का कार्य कर रहे हैं, जल्द ही आप देखेंगे कि चार धाम यात्रा की तरह मानस खंड यात्रा हुआ करेगी।