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उत्तराखण्ड

राजस्व गांव का सवाल और वनाधिकार कानून विषय पर संगोष्ठी करने का लिया निर्णय

लालकुआं। अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा वनाधिकार कानून और राजस्व गांव के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श कर एक सही समझ बनाने के उद्देश्य से 6 अगस्त (रविवार) को “बिंदुखत्ता राजस्व गांव का सवाल और वनाधिकार कानून” विषय पर संगोष्ठी करने का निर्णय लिया गया है। संगोष्ठी प्रतिभा बाल विद्यालय, कार रोड, बिंदुखत्ता के प्रांगण में प्रातः 10 बजे से होगी।

यह जानकारी अखिल भारतीय किसान महासभा के नैनीताल जिलाध्यक्ष भुवन जोशी ने दी। उन्होंने कहा कि, “भाजपा सरकार बिन्दुखत्ता को वनाधिकार कानून के जरिये राजस्व गाँव बनाने की बात कर रही है।

जबकि वनाधिकार कानून 2006 के व्यापक अध्ययन से पता चलता है कि वनाधिकार कानून के तहत दावा धारकों को 13 दिसंबर 2005 तक 75 वर्ष या तीन पीढ़ी पूर्व के उस वन भूमि पर एक जगह या घुमंतू रूप में वन में बसासत के व्यक्तिगत और सामूहिक दावों के प्रमाण सौंपने होंगे।

यह बिंदुखत्ता वासियों के लिए कैसे संभव होगा? इसका जवाब किसी के पास नहीं है। “उन्होंने कहा कि, “एक ओर वनाधिकार कानून के जरिए राजस्व गांव बनाने की बात जोर शोर से की जा रही है दूसरी ओर बिंदुखत्ता को अतिक्रमण हटाओ की सूची में शामिल कर दिया गया है। इससे स्थिति और भी जटिल बना दी गई है। इसलिए बिंदुखत्ता को अतिक्रमण हटाओ की सूची से तत्काल प्रभाव से हटाना चाहिए।”उन्होंने सभी लोगों से संगोष्ठी में शामिल होने की अपील की।

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