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शीतकाल के लिए बंद हुए हेमकुंड साहिब के कपाट, 2500 से अधिक श्रद्धालु बने साक्षी
हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं. बर्फ़बारी के बीच अंतिम अरदास पढ़ी गई. दरबार साहिब में साल के अंतिम कीर्तन के बाद हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए बंद कर दिए हैं.
शीतकाल के लिए बंद हुए हेमकुंड साहिब के कपाट
बर्फ़बारी के बीच करीब 12 बजे अंतिम अरदास पढ़ी गई. जिसके बाद दरबार साहिब से पंच प्यारों की अगुवाई में गुरुग्रंथ साहिब को सचखंड में सोवित किया गया. बता दें इस बार पुणे के सुरिंदरपाल सिंह और उनके जत्थे ने दरबार साहिब में साल का अंतिम कीर्तन किया. इस दौरान गढ़वाल स्काउट और पंजाब के बैंड भी मौजूद रहे.
2500 से अधिक श्रद्धालु बने साक्षी
कपाट बंद होने के दौरान 2500 से अधिक श्रद्धालु दरबार साहिब में मौजूद रहे. गुरुद्वारा के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल श्रद्धालुओं का आंकड़ा बढ़ा है. बता दें इस साल दो लाख 37 हजार श्रद्धालु हेमकुंड साहिब पहुंचे थे