उत्तराखण्ड
अंगीठी जलाकर सोने से बेहोश हुई बुजुर्ग महिला पुलिस बनी देवदूत।
थराली (चमोली)। थराली में अकेली रह रही महिला की जान बचाने में पुलिस ने दिखाई तत्परता। ग्राम सभा तुंगेश्वर ख़ाल थराली की निवासी श्रीमती मोतीमां देवी पत्नी स्वर्गीय देवी प्रसाद देवरानी उम्र 65 वर्ष जो पिछले तीन वर्षों से अकेले किराए पर दिगंबर प्रसाद खंडूड़ी के मकान में रह रही थीं। स्थानीय लोगों ने थानाध्यक्ष थराली को सूचना दी कि श्रीमती मोतीमां देवी अपने घर का दरवाजा नहीं खोल रही हैं, जिससे उनकी सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई थीं। थाना थराली पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। देखा गया कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था, और इसके बाद स्थानीय निवासियों की मौजूदगी में दरवाजा तोड़कर अंदर जाने का निर्णय लिया गया। कमरे के अंदर पहुंचने पर, पुलिस को श्रीमती मोतीमां देवी बेहोश अवस्था में मिलीं। प्रारंभिक जांच में पता चला कि उन्होंने रात के समय अपने घर के अंदर अंगीठी जलाई हुई थी, जिसके कारण गैस के प्रभाव से वह बेहोश हो गई थीं। थाना थराली के पुलिस जवानों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए श्रीमती मोतीमां देवी को सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) दिया। उनके द्वारा की गई तत्परता से महिला की जान बचाने की कोशिश की गई। चूंकि महिला का कोई परिजन नहीं था, पुलिस ने तुरंत उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया, जहाँ उनका उपचार चल रहा है। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि पुलिस केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए नहीं होती, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी निभाती है। थराली पुलिस की तत्परता और समर्पण की प्रशंसा की जानी चाहिए, जिन्होंने न केवल एक जीवन को बचाया, बल्कि एक उदाहरण भी पेश किया कि किस प्रकार आपातकालीन स्थितियों में तुरंत कार्रवाई करने से बड़े संकटों से बचा जा सकता है।