Connect with us

Uncategorized

सरकारी भूमि के दुरुपयोग पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार से करी तीन हफ्तों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट तलब

पिथौरागढ़। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पिथौरागढ़ में नए बस स्टेशन के सामने स्थित सरकारी भूमि के दुरुपयोग मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार से तीन हफ्तों के भीतर अद्यतन फोटोग्राफ्स और वर्तमान स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी.एस. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान यह निर्देश जारी किया। अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद निर्धारित की गई है ।मामला पिथौरागढ़ नगर पालिका की उस संपत्ति से जुड़ा है, जहां पहले ग्राउंड फ्लोर पर दो हॉल और शौचालय बनाए गए थे, जबकि फर्स्ट फ्लोर पर 16 दुकानें बनाई गई थीं। नगर पालिका का उद्देश्य था कि ये दुकानें अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लोगों और कारगिल युद्ध में शहीदों के परिजनों को रोजगार देने के लिए आवंटित की जाएं। हालांकि दुकानें सड़क से नीचे होने के कारण किसी ने भी इनके लिए आवेदन नहीं किया। इसके बाद पालिका ने दो बार टेंडर प्रक्रिया अपनाई, लेकिन कोई इच्छुक पक्ष सामने नहीं आया। अंततः एक व्यक्ति को महज ₹100 के स्टांप पेपर पर सार्वजनिक कार्यों के लिए इस भवन को 20 वर्षों की लीज पर दे दिया गया। लीज शर्तों के अनुसार भवन का उपयोग अस्पताल के रूप में किया जाना था और किसी भी प्रकार का व्यावसायिक उपयोग निषिद्ध था। शुरुआत में अस्पताल खोला गया, लेकिन बाद में बंद कर दिया गया। आरोप है कि लीजधारी ने भवन को क्षतिग्रस्त कर दिया और वहां चार मंजिला निर्माण कर उसमें दुकानें, रेस्टोरेंट, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और होटल शुरू कर दिया, जो लीज की शर्तों का उल्लंघन है। मामले में याचिका दायर कर कोर्ट से मांग की गई है कि इस अवैध निर्माण पर रोक लगाई जाए और भवन का उपयोग मूल शर्तों के अनुरूप ही किया जाए

More in Uncategorized

Trending News