कुमाऊँ
पंचायतों के वित्तीय संसाधनों का हो रहा हनन, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
मोटाहल्दू। प्रधान संगठन उत्तराखंड की तीन महत्वपूर्ण मांगों का निस्तारण चाहने के विषय में जिला अध्यक्ष हीरा बल्लभ बधानी के नेतृत्व में आधा दर्जन प्रधानों ने आज जिला पंचायत राज अधिकारी नैनीताल के द्वारा मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार को एक ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें प्रमुख तीन मांगे रखी हैं।
सीएससी सेंटरो को 2500 रुपए दिए जाने का आदेश अति शीघ्र वापस लिया जाए। वही 15 वें वित्त में हो रही भारी कटौती पर शीघ्र रोक रोक लगाई जाए। पिछले वर्ष 20-21इस वर्ष 21-22 में हो रही 15 वें वित्त की राशि में भारी कटौती की गई है। जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है एक तरफ सरकार के दावे यह है कि हम पंचायतों को सशक्त बना रहे हैं और दूसरी तरफ ग्राम पंचायतों के वित्तीय संसाधनों का हनन का पूरा प्रयास किया जा रहा है, जो क्षमा योग्य नहीं है। हम उत्तराखंड के समर्थक प्रधानगण राज्य सरकार के अतिशिघ्र 15वें वित्त में भारी कटौती रोकने के आदेश पारित करने हेतु सर्वसम्मति से इस ज्ञापन को आपको प्रेषित कर रहे हैं।
ग्राम प्रधानों का मानदेय 1500 से बड़ाकर 10,000 रु किया जाए तथा 5,000 मासिक पेंशन के रूप में दिए जाएं। जैसा की आपको विदित है कि उत्तराखंड के समस्त प्रधान गण कार्यालय के प्रथम दिन से ही सकारात्मक मानदेय मांग कर रहे हैं आपको बता दें कि इस प्रदेश में ग्राम प्रहरी को 2000 मानदेय दिया जाता है और ग्राम प्रहरी ग्राम प्रधान के अधीन है और ग्राम प्रधान को मात्र 1500 रुपए का मानदेय दिया जा रहा है, इससे पूरे प्रदेश के प्रधान गण आहत हैं आक्रोशित हैं। ग्राम प्रधानों को जल्द से जल्द 10000 मानदेय है वह 5000 पेंशन दिया जाए। वहीं प्रधानों ने सरकार से जल्द से जल्द उचित कार्यवाही की मांग की है उन्होंने कहा कि अगर सकारात्मक कार्यवाही नहीं हुई तो उग्र आंदोलन के लिए तैयार होंगे। साथ ही उच्च न्यायालय की शरण में भी जाएंगे जिससे खर्चे की पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी।
इस दौरान मुख्य रूप से जिला अध्यक्ष हीरा बल्लभ बधानी, प्रदेश संरक्षक मनोहर आर्या, प्रदेश सचिव सीमा पाठक, ब्लॉक अध्यक्ष रामनगर मिथिलेश डंगवाल, ब्लॉक अध्यक्ष भीमताल हेमा आर्या, प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज पडलिया, राहुल डंगवाल आदि लोग मौजूद रहे।
रिपोर्ट-प्रेम सिंह दानू