उत्तराखण्ड
पार्टी बदलने का दौर थमने वाला नहीं, कई इधर-उधर
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले ही राजनीतिक पार्टियों का खेल शुरू हो चुका था, अब जैसे जैसे चुनावी महासंग्राम बढ़ते जा रहा है,प्रतिद्वंद्वी सारे हथकंडे अपनाने लगे हैं। चुनावी जंग जीतने के लिए सभी ऐड़ी छोटी का जोर लगा रहे हैं। खराब मौसम के बावजूद प्रत्याशी अपने प्रचार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। पहले टिकट को लेकर मारामारी, फिर टिकट न मिलने पर पार्टियां छोड़ने का दौर चला था, कई अपने आकाओं की मान गए, चुनावी मैदान छोड़कर बैठ गए लेकिन कइयों ने अपनी ताकत का एहसास कराते हुए निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद लगा ली। ।
वर्तमान में कार्यकर्ताओं को बदलने,तोड़ने का दौर चला है। हर रोज कार्यकर्ताओं को अपनी ओर खींच लाने का प्रयास हो रहा है। तमाम कार्यकर्ता इधर से उधर जा रहे हैं कोई कांग्रेस का दामन थाम रहा है तो कोई भाजपा का और कोई आप छोड़कर इधर उधर जा रहा है।कुलमिलाकर अपनी अपनी फौज तैयार की जा रही है। यह दौर यहीं खत्म होने वाला नहीं है। चुनाव के बाद भी दल बदलने की होड़ चलती रहेगी। फिर प्रत्याशियों के इधर-उधर होने की संभावना बढ़ेगी। मतदान की तिथि भी नजदीक है, किसके सिर होगा ताज, और किसके ताबूत में ठुकेगी अंतिम कील इसका फैसला भी जल्दी हो जायेगा।