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उत्तराखण्ड

दुःखद- लंबे समय से जिंदगी और मौत से लड़ रही पत्रकार गोपाल बोरा की पत्नी राधा का निधन

धनाअभाव, अव्यवस्था के कारण नहीं बचा सके पत्नी की जान

लालकुआं। प्रदेश में पत्रकारों के लिए कितनी सुविधा, व्यवस्थाएं है यह तब उजागर हुआ जब एक पत्रकार भाई को अपनी बीवी के उपचार में दर दर भटकना पड़ा। पहले डॉ सुशीला तिवारी अस्पताल फिर एम्स ऋषिकेश में खूब जद्दोजहद करनी पड़ी। पिछले एक महीने से जिंदगी और मौत से लड़ रही पत्रकार गोपाल बोरा की पत्नी राधा आखिरकार जिंदगी से हार गई।
पत्रकारिता से जुड़ा एक गरीब व्यक्ति ने उधारीकर लाखों रुपए खर्च किये। वह दर-दर भटका, किसी ने उसकी मदद नहीं की। समय रहते अगर उचित उपचार मिल जाता तो शायद राधा की जान बच जाती। सरकार की तरफ से भी उनको कहीं से सहयोग नहीं मिला। एक पत्रकार को अस्पतालों ने एक महिने तक खूब लूटा।बाद में हाथ खड़े कर दिए । प्रदेश में पत्रकारों के लिए क्या व्यवस्थाएं सुलभ हैं।यह इस बात का जीता जागता उदाहरण है। सरकार को इस बात का गम्भीरता से संज्ञान लेना चाहिए। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करे।ॐ शान्ति।

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