उत्तराखण्ड
शिक्षक एवं शिक्षिका पर गिरी गाज,फर्जी दस्तावेजों से कर रहे थे नौकरी ,बर्खास्त
फर्जी दस्तावेजों से नौकरी करने के मामले में शिक्षक एवं शिक्षिका बर्खास्त
हल्द्वानी। फर्जी दस्तावेजों से नौकरी करने के मामले में यहां शिक्षक-शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया गया है। हल्द्वानी ब्लाक की शिक्षिका व कोटाबाग के शिक्षक 2 साल से निलंबित चल रहे थे। जांच में शिक्षिका का हाईस्कूल का प्रमाणपत्र गलत मिला तो शिक्षक ने नौकरी पाने के लिए जन्मतिथि में छेड़छाड़ कर नौकरी पा ली थी। दरसअल, हल्द्वानी के कालाढूंगी रोड स्थित प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत रहीं शिक्षिका भावना छिम्वाल पूर्व में कोटाबाग में भी नौकरी कर चुकी हैं। दुर्गम का सेवाकाल पूरा करने के बाद शिक्षिका का स्थानांतरण हल्द्वानी के पास के स्कूल में हुआ था। उन पर फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों से नौकरी पाने का आरोप था। जांच प्रक्रिया में शिक्षिका के हाईस्कूल प्रमाणपत्र का माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के दस्तावेजों से मिलान कराया गया।
बोर्ड के दस्तावेजों में शिक्षिका के प्रमाणपत्र का मिलान नहीं हुआ। वहीं, कोटाबाग ब्लाक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय झलुवाजाला में कार्यरत रहे शिक्षक मोहन चंद्र ब्रजवासी के दस्तावेजों की जांच में पाया गया कि उन्होंने नौकरी के समय 40 वर्ष की आयु सीमा पार कर ली थी। नौकरी पाने के लिए जन्मतिथि में छेड़छाड़ कर उम्र घटाकर शिक्षा विभाग में नौकरी पाई। शिक्षक-शिक्षिका करीब दो साल से निलंबित थे। दोनों के विरुद्ध विभागीय जांच गतिमान थी।
डीईओ एचबी चंद ने बताया कि विभागीय जांच में गलत दस्तावेज पर दो शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। विभागीय नियमानुसार मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।