Connect with us

Uncategorized

चकराता के नराया गांव में 28 पेड़ काटने की शिकायत की जांच को पहुंची टीम, शिकायतकर्ता जांच रिपोर्ट से असहमत


विकासनगर: चकराता के नराया गांव में सड़क कटिंग के दौरान काटे गए पेड़ों की शिकायत पर तहसील प्रशासन, वन विभाग और लोनिवि की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची. सड़क कटिंग के दौरान सोयल वन क्षेत्र में कई पेड़ों के कटने की शिकायत श्रीचंद तोमर पूर्व प्रधान ग्राम पंचायत नराया ने जिलाधिकारी देहरादून से की थी. मौके पर पहुंची तहसीलदार प्रशासन, लोक निर्माण विभाग सहिया, वन विभाग की संयुक्त टीम ने बिंदुवार स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान नराया गांव के ग्रामीण सहित शिकायतकर्ता पूर्व प्रधान श्रीचंद तोमर भी मौजूद रहे.

शिकायतकर्ता का कहना है कि इससे पूर्व भी संयुक्त टीम द्वारा निरीक्षण के दौरान 28 पेड़ों के काटे जाने की रिपोर्ट की है. जिसमें से वन विभाग द्वारा 6 से 7 पेड़ों का ग्रमीणों पर प्रतिकर भी लगाया गया है. उन्होंने कहा कि अन्य पेड़ों को लेकर कोई भी संतोषजनक कार्रवाी नहीं हुई है. तहसीलदार चकराता कालसी मनोहर लाल अंजवाल ने कहा कि मौके पर संयुक्त टीम द्वारा निरीक्षण किया गया.

ग्रामीणों और शिकायतकर्ता की शिकायतों की बिन्दुवार जांच की गई. संयुक्त जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी. वन विभाग के रिवर रेंज अधिकारी डाकपत्थर अनिल कुमार भट्ट ने कहा कि अगर कोई भी विकास कार्य किया जा रहे हैं तो प्रयोक्ता एजेंसी या यूजर एजेंसी की जिम्मेदारी है कि वह नियमों की सीमा में रहकर निर्धारित पातन की अनुज्ञा प्राप्त करें. लोनिवि को अनुमति लेनी चाहिए थी.

शिकायतकर्ता श्रीचंद तोमर पूर्व प्रधान ग्राम पंचायत नराया ने कहा जो पेड़ों का कटान का कार्य हुआ है, हमने आठ नौ महीने पहले इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की थी. इसमें पीडब्ल्यूडी, वन विभाग से शिकायत की गई. अंत में जब कहीं से हमें कोई उत्तर मिलने की उम्मीद नहीं रही, तो हमने जिलाधिकारी महोदय से इसकी शिकायत की. उनके द्वारा एसडीएम चकराता को निर्देशित किया गया और तीन विभागों की इसमें कमेटी गठित की गई. ये कमेटी साइट पर आई.

यह भी पढ़ें -  Dhami cabinet decisions: धामी कैबिनेट की बैठक खत्म, 19 प्रस्तावों पर लगी मुहर

कमेटी की जांच में सबसे पहले यह पाया गया कि वन विभाग के द्वारा पूर्व में 6 या 7 पेड़ों का चालान किया गया है. जबकि संयुक्त निरीक्षण में 28 पेड़ थे. हम यह जानना चाहते हैं कि जो 28 पेड़ थे, उसमें से क्यों चालान किया गया. बाकी 21 पेड़ों का क्या हुआ. संयुक्त निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार सात अधिकारियों की इसमें स्टांप लगी है. उन्होंने इसको वेरीफाई किया है. इसका हम भी खंडन नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तीनों विभागों के अधिकारी आए थे. किसी की ओर से स्पष्ट निर्णय नहीं दिया गया. शिकायतकर्ता ने कहा कि बताया गया कि कुछ ट्रांसफर हो चुके हैं. कुछ आधिकारिक नहीं हैं. तो अब आगे जो भी होगा न्यायालय न्याय देगा.

Ad Ad Ad Ad Ad

More in Uncategorized

Trending News