उत्तराखण्ड
कटखने बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग, वन विभाग व प्रशासन की ओर से करवाई न होने पर नाराजगी
हल्द्वानी। कमलुवागांजा रोड में इन दिनों बंदरों का अत्यधिक आतंक बना हुआ है। मां गिरजा बिहार उत्थान समिति ने आज आम सभा कर कटखने बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग रखी। आपको बता दें कि कमालुवागंजा रोड गिरिजा बिहार क्षेत्र में इन दिनों कटखने बंदरों के आतंक से लोग परेशान हैं। बताया जा रहा है कि बंदरों ने आए दिन कई क्षेत्रीय लोगों को काट दिया है। 28 अगस्त को बीना रावत पत्नी अरविंद सिंह रावत प्रातः अपने घर में झाड़ू लगा रही थी, इसी दौरान तीन बंदरों ने उन्हें काट लिया, इस दौरान बीना रावत को अत्यधिक चोटें भी आई हैं। उनका अभी भी सेंट्रल अस्पताल में इलाज कराया जा रहा है।
मां गिरजा बिहार उत्थान समिति के एक शिष्टमंडल ने 30 अगस्त को वन विभाग के उच्चाधिकारियों से मिलकर कटखने बंदरों को पकड़ने की मांग की थी, लेकिन इसके बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई, 3 सितंबर को फिर से शिष्टमंडल कुमायूं आयुक्त दीपक रावत से मिला, उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि कटखने बंदरों को शीघ्र पकड़ने की कार्रवाई की जाएगी।
लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिससे समिति और स्थानीय लोगों में नाराजगी है। उनका कहना है कि घरों में आ रहे कटखने बंदरों द्वारा छोटे-छोटे बच्चों व महिलाओं पर हमला किया जा रहा है। यही नहीं पैदल चल रहे लोगों व स्कूल जा रहे बच्चों के लिए खतरा बना हुआ है।
क्षेत्रवासियों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि अगर 3 दिन के अंदर बंदरों को पकड़ने की कार्रवाई नहीं की गई तो उन्हें आंदोलन करने के लिए सड़क पर उतरना पड़ेगा। जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। बैठक में श्रीष चंद्र कोठारी,किशोर पंत, गिरीश चंद्र, नवीन पाठक, गणेश पांडे,तारा दत्त चौधरी, गोविंद सिंह, सोहन सिंह, लीला अधिकारी, बीना रावत, हेमा कांडपाल, भरत शाह, लक्ष्मी दत्त फुलारा,शांति बिष्ट, वीना सैनी, गोपाल तिवारी,गिरीश उपाध्याय समेत दर्जनों लोग उपस्थित रहे।