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उत्तराखण्ड

इस ऐप के जरिए मिलेगी सड़क हादसों को लेकर तत्काल जानकारी

राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क हादसों को लेकर अकसर मामले सामने आते रहते हैं लेकिन कई बार समय पर सूचना नहीं मिल पाती है। लेकिन अब समय पर सड़क हादसा होने पर सूचना भी मिल सकेगी। बता दें कि अब एक ऐसा एप तैयार किया गया है, जिससे हादसों की जानकारी तत्काल मिल जाएगी। इस एप के कई और फायदे भी होंगे।

जानकारी समय से मिलने पर राहत और बचाव कार्य भी तेजी से शुरू किए जा सकेंगे।केंद्रीय भूतल, सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से आईरेड मोबाइल एप तैयार किया गया है।सड़क हादसों का विस्तृत डाटा तैयार किया जा सके और हादसों के इन डाटा के आधार पर तमाम सुरक्षात्मक योजनाएं बनायी जा सके। इसके लिए मंत्रालय की पहल पर उत्तराखंड के सभी जिलों में एनआईसी में विशेषज्ञों की तैनाती भी कर दी गई है।सड़क हादसों से जुड़ी तमाम जानकारी को तत्काल पुलिस, आमजन के साथ ही पुलिस-प्रशासनिक और परिवहन विभाग के अधिकारी आईरेड मोबाइल एप के जरिये साझा कर सकें। इसे लेकर पुलिस, जिला प्रशासन और परिवहन विभाग के अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
आरटीओ (प्रवर्तन) संदीप सैनी ने बताया कि आईरेड मोबाइल एप के शुरू होने के बाद सड़क हादसों की तत्काल जानकारियां मिल सकेंगी। हादसों का विस्तृत डाटा तैयार कर इस बात की भी जानकारी जुटायी जाएगी कि किन-किन इलाकों में सड़क हादसे अधिक हो रहे हैं। इससे सड़क हादसों को कम करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा सकेंगे।राज्य में पिछले 6 सालों में 7993 हादसे हुए, जिसमें 5028 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। जानकारी के अनुसार राज्य में हर साल औसतन 1322 हादसे हो रहे हैं, जिसमें औसतन 800 से ज्यादा लोगों की जानें जाती हैं। वहीं देशभर में प्रत्येक साल सड़क हादसों में करीब डेढ़ लाख लोगों की मौतें होती हैं।

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