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उत्तराखण्ड

पूर्णागिरि मार्ग पर मलबे का कहर: हजारों श्रद्धालु फंसे, प्रशासन ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन

बाटनागाड़ में जीप फंसी, बाल-बाल बचे श्रद्धालु; समाजसेवी लापता, श्रद्धालुओं ने जताया आक्रोश

रिपोर्ट: विनोद पाल |

पूर्णागिरि, टनकपुर।भारी बारिश के चलते पूर्णागिरि यात्रा मार्ग पर बाटनागाड़ नाले ने विकराल रूप धारण कर लिया। नाले के उफान से करीब आधा किलोमीटर तक का मार्ग भारी मलबे, कीचड़ और पत्थरों से अवरुद्ध हो गया, जिससे मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया और हजारों श्रद्धालु मार्ग में ही फंस गए।

इस बीच, श्रद्धालुओं से भरी एक जीप (UK07 TA 0993) मलबे में फंस गई। गनीमत रही कि स्थानीय लोगों की मदद से समय रहते जीप में फंसे यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

प्रशासन ने संभाला मोर्चा, पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं का रेस्क्यू

घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने तत्काल रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया। SDRF, SSB, पुलिस बल और स्थानीय नागरिकों की मदद से प्रशासन ने लगभग 5000 श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाल कर उनके गंतव्य की ओर रवाना किया।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से मौके पर डॉ. मानवेन्द्र शुक्ला की अगुवाई में मेडिकल टीम तैनात की गई, जिन्होंने डिहाइड्रेशन और थकावट से पीड़ित श्रद्धालुओं का मौके पर प्राथमिक उपचार किया।

प्रशासन ने की समुचित व्यवस्था

SDM आकाश जोशी ने बताया कि “बाटनागाड़ नाले के कारण यातायात बाधित हुआ था। मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू और राहत कार्य तेज किया गया। श्रद्धालुओं के लिए भोजन, पेयजल और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था की गई।”
ARTO सुरेंद्र कुमार की देखरेख में टनकपुर तक यात्रियों को पहुंचाने के लिए रोडवेज, टैक्सी और प्राइवेट वाहनों की व्यवस्था की गई।

समाजसेवी नदारद, श्रद्धालुओं ने जताई नाराजगी

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जहां प्रशासन मुस्तैदी से कार्य कर रहा था, वहीं कई श्रद्धालुओं ने नाराजगी जताते हुए कहा कि “दिखावटी समाजसेवी फोटो खिंचवाने में तो आगे रहते हैं, लेकिन संकट के समय कोई साथ नहीं दिखा।” श्रद्धालुओं के मुताबिक बाटनागाड़ से काली मंदिर तक कोई मदद नहीं पहुंची, भूखे-प्यासे श्रद्धालुओं ने घंटों पैदल सफर किया।

मार्ग खोलने का कार्य जारी

प्रशासन ने जेसीबी और श्रमिकों की मदद से बाटनागाड़ मार्ग से मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया है, ताकि यात्रा मार्ग जल्द बहाल किया जा सके। जब तक मार्ग पूरी तरह खुल नहीं जाता, तब तक प्रशासन की ओर से स्थायी राहत व्यवस्था और मेडिकल सपोर्ट जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं।

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