उत्तराखण्ड
तीन दिन का सियासी बवंडर समाप्त, अब नहीं होगी विधायक मंडल की बैठक
देहरादून। उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक तीन दिन चले सियासी बवंडर अब समाप्त हो गया है। माना जा रहा है कि अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लेंगे।
बीते तीन दिनों से जारी सियासी बवंडर के कारण अनेक शंकाएं बनी हुई थी। जिसे भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने फिलहाल खत्म कर दिया है। राज्य में अब न तो कोई नेतृत्व परिवर्तन होगा और न ही मंगलवार को होने वाली विधायक दल की बैठक। पार्टी नेतृत्व ने इस मुद्दे पर गहन मंथन के बाद फैसला करने और मंत्रिमंडल विस्तार के जरिये विवाद को खत्म करने का संकेत दे दिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत देहरादून लौट आये हैं।राज्य में जारी सियासी उठापटक पर राजधानी में दिनभर बैठकों का दौर जारी रहा। केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को अचानक दिल्ली तलब कर प्रदेश की सियासी धड़कन बढ़ा दी थी। संसद भवन में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री के साथ संगठन महासचिव बीएल संतोष की पर्यवेक्षक डॉ. रमन सिंह और प्रभारी दुष्यंत गौतम की रिपोर्ट पर गहन मंथन किया गया।
इस दौरान संसद भवन में पीएम मोदी भी मौजूद रहे। इसी बीच, सीएम बिना किसी तय कार्यक्रम के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी से मिलने पहुंच गए। बलूनी के साथ एक घंटे की बैठक के बाद सीएम की नड्डा के साथ दो घंटे बैठक हुई। फिर सीएम ने मीडिया को बातचीत के लिए बुलाया। माना जा रहा है कि फिलहाल सबकुछ मैनेज कर लिया गया है। आम लोगों में भी यही चर्चा बनी हुई थी कि कुछ माह के लिये मुख्यमंत्री बदलना उचित निर्णय नहीं है। जिसे केंद्रीय नेतृत्व ने भी सही समय पर सही निर्णय लेकर फिलहाल सब शांत कर लिया है।