उत्तराखण्ड
तीन हफ्ते, तीन हादसे: चारधाम हेली सेवाओं पर उठे सवाल, सात की मौत
गौरीकुंड/रुद्रप्रयाग। चारधाम यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते तीन सप्ताहों में तीन बड़े हादसों ने यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ताज़ा मामला रविवार सुबह सामने आया, जब केदारनाथ से लौट रहा एक हेलिकॉप्टर रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जिनमें एक 23 महीने की बालिका और बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) का एक कर्मचारी भी शामिल हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हादसा रविवार सुबह करीब 5:30 बजे हुआ। आर्यन एविएशन कंपनी का यह हेलिकॉप्टर केदारनाथ से फाटा की ओर लौट रहा था, जब गौरी माई खर्क के पास जंगलों में दुर्घटना हो गई। हेलिकॉप्टर में सवार सभी लोग बुरी तरह जल गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुर्घटना की पहली जानकारी नेपाली मूल की महिलाएं लेकर आईं जो पास ही घास काट रही थीं।
घटना की पुष्टि हेलिकॉप्टर नोडल अधिकारी राहुल चौबे और जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने की है। मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। शवों को गौरीकुंड लाया जा रहा है, जहां से पहचान के बाद उन्हें संबंधित परिजनों को सौंपा जाएगा।
एक हफ्ते पहले भी टली थी बड़ी दुर्घटना
7 जून को बडासू हेलिपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भरते समय क्रिस्टल एविएशन का एक हेलिकॉप्टर तकनीकी खामी के चलते रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर आपात लैंडिंग करने को मजबूर हुआ था। इस हादसे में हेलिकॉप्टर की टेल सड़क किनारे खड़ी एक कार और दुकान से टकराई, जबकि पायलट को पीठ में चोट आई। पांचों यात्री सुरक्षित बच गए थे।
8 मई को भी हुआ था हादसा, 6 की गई थी जान
उत्तरकाशी जिले के गंगनानी क्षेत्र में 8 मई को एयरोट्रांस कंपनी का एक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। सहस्त्रधारा से हर्षिल की ओर उड़ान भर रहे इस हेलिकॉप्टर में पायलट सहित छह यात्रियों की जान चली गई थी, जबकि एक घायल को एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया था।
यात्रियों की सुरक्षा पर उठे सवाल
लगातार हो रही इन दुर्घटनाओं से चारधाम यात्रा के दौरान हेलीसेवाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। मौसम, तकनीकी खामी या लापरवाही — हर दुर्घटना के पीछे कोई न कोई कारण सामने आता है, लेकिन हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे। यात्रियों और परिजनों में भय और असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
चारधाम यात्रा के उच्च जोखिम वाले इस पर्वतीय क्षेत्र में हवाई सेवाओं को लेकर अब मांग उठने लगी है कि सरकार विशेष निगरानी तंत्र बनाए और सभी हेली कंपनियों की उड़ानों की तकनीकी जांच तथा उड़ान योग्यता की सख्ती से समीक्षा की जाए।
शासन-प्रशासन की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से रिपोर्ट तलब की गई है। स्थानीय प्रशासन ने ऑपरेटर कंपनी के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की बात कही है।

