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उत्तराखण्ड

उत्तराखंड कैबिनेट के बड़े फैसले: सड़क सुरक्षा, पेंशन और रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी

उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, जिनका राज्य की नीतियों और योजनाओं पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कुल 33 प्रस्तावों पर सहमति बनी।

उत्तराखंड में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए परिवहन विभाग ने एक नई रोड सेफ्टी पॉलिसी तैयार की है, जिसे मंत्रिमंडल ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस नीति का उद्देश्य सड़क सुरक्षा के मानकों को बेहतर बनाना और दुर्घटनाओं को कम करना है।

पूर्व विधायकों की पेंशन में वृद्धि

मंत्रिमंडल ने पूर्व विधायकों की पेंशन में वृद्धि का भी निर्णय लिया। पहले उन्हें 40,000 रुपये मासिक पेंशन मिलती थी, जिसे अब बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, हर वर्ष पेंशन में 3,000 रुपये की वृद्धि होगी, जो पहले 2,500 रुपये थी।

विधायकों के पेट्रोल भत्ते में बढ़ोतरी

विधायकों को सदन की कार्यवाही में शामिल होने के लिए दिए जाने वाले पेट्रोल भत्ते में भी वृद्धि की गई है। इससे विधायकों को बेहतर सुविधा मिलेगी और वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन अधिक सुचारु रूप से कर सकेंगे।

वनाग्नि रोकने के लिए सहायता राशि

राज्य में जंगलों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग द्वारा गठित समितियों को 30,000 रुपये प्रति समिति प्रदान किए जाएंगे। यह धनराशि वनाग्नि नियंत्रण में सहायता के लिए ग्राम पंचायतों, युवक मंगल दल, महिला मंगल दल और अन्य संबंधित विभागों के सहयोग से उपयोग की जाएगी।

केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना

कैबिनेट ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में रोपवे निर्माण से संबंधित डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) को भारत सरकार को भेजने की अनुमति दे दी है। इस परियोजना के तहत तीर्थयात्रियों को बेहतर यात्रा सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है।

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निर्वाचन विभाग के ढांचे का पुनर्गठन

राज्य सरकार ने निर्वाचन विभाग के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है। इससे चुनावी प्रक्रिया अधिक व्यवस्थित होगी और प्रशासनिक कार्यों में सुधार आएगा।

खुरपिया फार्म की भूमि का पुनर्गठन

मंत्रिमंडल ने खुरपिया फार्म की भूमि को आवासीय भूमि के रूप में उपयोग किए जाने की मंजूरी दे दी है। यह कदम आवासीय जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

सैनिक कल्याण विभाग के लिए निशुल्क भूमि

सैनिक कल्याण विभाग लंबे समय से भूमि की मांग कर रहा था, जिसे ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल ने निशुल्क भूमि उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। इससे पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को लाभ मिलेगा।

2025-26 के बजट प्रस्तावों को मंजूरी

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि इस बैठक में आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई है। इसके तहत विभिन्न विभागों के लिए धन आवंटन और विकास योजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

पर्यटन, उद्योग, ऊर्जा और आवास से जुड़े प्रस्तावों पर सहमति

बैठक में पर्यटन, उद्योग, ऊर्जा और आवास विभाग से संबंधित कई प्रस्तावों पर भी सहमति बनी। इससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने, औद्योगिक विकास को गति देने और आवासीय योजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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