उत्तराखण्ड
उत्तराखंड उच्च न्यायालय रामनगर के एकमात्र खेल मैदान में लगाए जा रही नुमाइश के खिलाफ दायर जनहित याचिका में सुनवाई की
रिपोर्टर भुवन ठठोला
नैनीताल। उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने रामनगर के एकमात्र खेल मैदान में लगाई जा रही नुमाइस के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने एस.एच.ओ. रामनगर व एडीएम रामनगर को निर्देश दिए है।
असमाजिक नशेड़ियों के खिलाफ कार्यवाही कर उसकी रिपोर्ट 23 जून तक कोर्ट में पेश करने को कहा है। कोर्ट ने एसएचओ को यह भी निर्देश दिये है कि इस मैदान की रोज पेट्रोलिंग की जाय। कोर्ट ने इस मैदान मेंव्यवसायिक गतिविधियों पर लगाई रोक को भी जारी रखा है।मामले की अगली सुनवाई 23 जून की तिथि नियत की है।
आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के द्वारा कोर्ट को अवगत कराया कि यह मैदान आये दिन असमाजिक नशेड़ियों का अड्डा बन चुका है। जिससे मैदान में खेलने वाले बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा इसलिए इन पर कार्यवाही की जाय।
मामले के अनुसार सदाब उल हक रामनगर स्पोर्ट क्लब के सदस्य ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि रामनगर के मथुरा दत्त प्रसाद हिन्दू इंटर कालेज के मैदान को 1913 में खेल गतिविधियों के लिए निशुल्क लीज पर दिया गया था जिससे वहाँ पर खेल गतिविधिया हो सके।
याचिकाकर्ता का कहना है कि इस खेल मैदान से कई खिलाड़ी नेशनल स्तर पर प्रतिभाग कर चुके है या कर रहे है। वर्तमान में इस मैदान पर जो व्यवसायिक गतिविधिया की जा रही है उससे खेल मैदान को क्षति पहुँचने के साथ ही खेल गतिविधियाएँ पर प्रभावित हो रही है। इस लिए इस रोक लगाई जाए।