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उत्तराखण्ड

उत्तराखंड के होनहारों ने सिविल सेवा परीक्षा में लहराया परचम, अब तक रिकॉर्ड, 12 की परीक्षा उत्तीर्ण करने की जानकारी

संवाददाता शंकर फुलारा

संघ लोक सेवा आयोग ने वर्ष 2022 में हुई सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। इसमें आईएएस के पदों पर चयन के लिए 180 उम्मीदवारों की सूची जारी की गई है। इनमें उत्तराखंड के भी करीब एक दर्जन युवा शामिल हैं।

जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के रुद्रपुर की गरिमा नरूला देश भर में 39वें, हल्द्वानी निवासी दीक्षिता 58वें, बागेश्वर के गरुड़ की रहने वाली कल्पना पांडे 102वें, काशीपुर के देवव्रत जोशी 125वें, दून निवासी हिमांशु सामंत 348वें, अल्मोड़ा के लमगड़ा की श्वेता नगरकोटी ने 410वीं व मसूरी निवासी माधव भारद्वाज 536वें रैंक के साथ उत्तीर्ण हुए हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रुद्रपुर के ईश्वर कॉलोनी की रहने वाली गरिमा नरुला ने पहले ही प्रयास में 39वीं रैंक हासिल की है। उल्लेखनीय है कि गरिमा ने वर्ष 2017 में सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परिक्षा में जनपद उधमसिंह नगर में टॉप किया था। उनके पिता बिपिन नरूला एक पैथोलॉजी लैब में प्रबंधक व माता शारदा नरूला गृहणी हैं।

जबकि चमोली जिले के कर्णप्रयाग तहसील के बांगड़ी गांव की मुद्रा गैरोला ने 53वीं ।

नैनीताल जनपद की बेटी हल्द्वानी पीलीकोठी निवासी दीक्षिता ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में 58वीं रैंक हासिल की है। मुद्रा ने इससे पहले पिछले वर्ष 163वीं रैंक के साथ यह परीक्षा पास की थी और तब उनका चयन आईपीएस के रूप में हुआ था। आईपीएस के प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने पुनः परीक्षा दी और अब वह आईएएस बनने जा रही हैं। दीक्षिता की मां दीपा पहाड़पानी के खीमराम आर्य राजकीय इंटर कॉलेज में हिंदी विषय की प्रवक्ता है और पिता आईके पांडे नैनीताल बीडी पांडे अस्पताल में फार्मासिस्ट के पद पर तैनात हैं। दीक्षिता ने बिना कोचिंग लिए तीसरे प्रयास में यह बड़ी सफलता प्राप्त की है।

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सर्विसेज परीक्षा में 125वीं रैंक हासिल कर देवव्रत जोशी ने उत्तराखंड का नाम रोशन किया है, मूल रूप से नैनीताल जिले के मटेला गांव और वर्तमान में कुर्मांचल कॉलोनी काशीपुर निवासी देवव्रत जोशी की इस सफलता पर उनके पैतृक गांव व परिजनों में खुशी का माहौल है, देवव्रत जोशी के पिता प्रकाश चंद जोशी इंटेलिजेंस ब्यूरो में कार्यरत हैं जबकि उनकी मां इंटर कॉलेज देवरी खटीमा में शिक्षिका हैं, मटेला गांव निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता प्रकाश चंद जोशी ने देवव्रत को शुभकामनाएं देते हुए ये खबर हम तक पहुंचाई,उन्होंने कहा की मटेला गांव के लिए यह बहुत ही गौरव का क्षण है।

वहीं बागेश्वर जनपद के गरुड़ के निकट खडेरिया गांव की की रहने वाली कल्पना पांडे ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में 102वां स्थान प्राप्त किया है। कल्पना के पिता दुकान चलाते हैं, और उनकी मां बैजनाथ में एएनएम हैं। कल्पना की प्रारंभिक पढ़ाई बागेश्वर के निजी विद्यालय से आगे की पढ़ाई दिल्ली से हुई है। इनके अलावा देहरादून निवासी व सीएजी कार्यालय कोलकाता में डिप्टी अकाउंटेंट जनरल के पद पर कार्यरत मुकुल जमलोकी ने चौथी बार में पूरे देश में 161वीं रैंक हासिल की है।

जबकि सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के रहने वाले और वर्तमान में दून निवासी हिमांशु सामंत ने परीक्षा में 348वीं रैंक हासिल की है। जबकि 410वीं रैंक के साथ आईएएस बनने वाली श्वेता नगरकोटी के पिता गाजियाबाद में एक फैक्टरी में काम करते थे और नौकरी छूटने पर उन्होंने हल्द्वानी के डहरिया में परचून की दुकान भी चलाई।

रूद्रप्रयाग की कंचन डिमरी मुख्यालय से सटे गांव स्वीली की रहने वाली है। कंचन डिमरी के आईएएस में चयन होने से सम्पूर्ण परिवार में खुशी का माहौल है। कंचन डिमरी ने 654वीं रैंक प्राप्त की है। कंचन के पिता देवी प्रसाद डिमरी बीते कई वर्षो से दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में सामान्य नौकरी पर है। इस बेटी ने अपनी मेहनत और स्वयं के संसाधनों से सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाई है। कंचन ने बताया कि उन्होंने कठिन परिश्रम करते हुए सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाई है। उन्होंने बताया कि मन में दृढ़ संकल्प था।

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मुकुल जमलोकी ने चौथी बार सफलता पाईपरीक्षा में दून निवासी मुकुल जमलोकी ने चौथी बार सफलता पाई, उन्होंने 161वीं रैंक हासिल की है। वर्तमान में वे सीएजी कार्यालय कोलकाता में डिप्टी अकाउंटेंट जनरल के पद पर कार्यरत हैं।माधव भारद्वाज ने भी की सफलता अर्जितमसूरी निवासी माधव भारद्वाज ने सिविल सेवा परीक्षा में 536वीं रैंक हासिल की है। इससे पहले उन्होंने यूपीपीसीएस परीक्षा में सफलता अर्जित की थी। वह वर्तमान में शामली में तहसीलदार के पद पर कार्यरत हैं।

संघ लोक सेवा आयोग की वर्ष 2022 में हुई सिविल सेवा परीक्षा में सफल सभी अभ्यर्थियों को पर्वत प्रेरणा टीम की तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

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