उत्तराखण्ड
फेरी व कबाड़ की आड़ में गांव की तरफ घुसने वालों का हो सत्यापन, क्षेत्रवासियों ने शुरू किया पहरा देना
ओखलकांडा। क्षेत्र में इन दिनों फेरी के बहाने गांव घरों में घूमने वालों की तादाद बढ़ती आ रही है, जिसे देखकर स्थानीय लोगों में दहशत भी है और कभी भी अनहोनी की आशंका जताई जा रही है। क्षेत्रवासी एवं सामाजिक कार्यकर्ता दीपक पनेरु, विकास पनेरु, महेश पनेरु द्वारा कुछ समय से बाहरी क्षेत्र से आ रहे लोगों की स्वयं पहचान की जा रही है। यहां फेरी के बहाने अत्यधिक आवाजाही से कभी भी अनहोनी की आशंका जताई जा रही है। जागरुक युवाओं द्वारा ओखलकांडा, पतलौट, खानस्यु,डालकन्या क्षेत्र में लोगों की पहचान के लिए सड़कों पर पहरा दिया जा रहा है। उनको रोककर फेरी लगाने का लाइसेंस तथा आधार कार्ड अन्य पहचान, सत्यापित कागजात मांगे जा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि बाहरी तत्वों के द्वारा कई बार कागज आधार कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस फेरी का लाइसेंस इत्यादि न दिखाने पर उन्हें आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर यहां शरण लेने के बहाने घुसपैठ करने की आशंका जताई जा रही है। राजस्व क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इन गांवों में राजस्व पुलिस कुंभकरण की नींद सोई रहती है। कही भी कोई सत्यापन के लिए जागरुक नहीं है। न कोई रोक टोक है। उनके सत्यापन के लिए राजस्व पुलिस व स्थानीय प्रशासन लापरवाह नजर आता है।
सामाजिक कार्यकर्ता दीपक पनेरु ने बताया कि बिना पहचान पत्र के और बिना किसी अधिकारी की अनुमति के फेरी लगाने और गांव में कबाड़ खरीदने की आड़ में आने वाले लोगों पर लगाम लगाना जरूरी है। इसके साथ ही चरस की तस्करी व महिलाओं , बच्चियों के साथ कभी भी अगवा करने और उनसे छेड़छाड़ करने की आशंका भी जताई गई है।
ऐसे में गांव के लोग काफी घबराए हुए हैं। लोगों का कहना है कि यहां आकर कोई भी सामान बेचने के बहाने गांव घरों में सेंध लगाए हुए हैं। जिसके लिए पहचान तथा सत्यापन हेतु प्रशासन को सख्ती से करवाई करनी चाहिए।
रिपोर्ट-शंकर फुलारा