कुमाऊँ
महंगाई के दौर में गेहूं का समर्थन मूल्य बहुत कम: उपाध्याय
शांतिपुरी। किसान नेता व कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ गणेश उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड राज्य द्वारा गेहूं नीति जो घोषित की गई है व पूरे प्रदेश में 241 क्रय केंद्र खोलने की घोषणा है। जिसमें सबसे अधिक 168 क्रय केंद्र जिला उधम सिंह नगर में है । गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹2015 रखा गया है जो कि से महंगाई के दौर में बहुत कम है। विगत 2 साल से लगातार कोर्ट के आदेश भी हैं ,किसानों का रकबा देखकर गेहूं, धान की खरीद करना चाहिए। जिससे किसानों की भी परेशानी नहीं होती। श्री उपाध्याय ने कहा सरकार व नौकरशाह केवल खानापूर्ति करने में लगे हुए हैं। जो किसान हित व उत्तराखंड हित में अच्छा नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा सरकार ने 22 लाख कुंतल खरीदने का लक्ष्य रखा है, किसान बेमौसम बारिश की वजह से बहुत नुकसान सामना करता हुआ आ रहा है । वर्तमान में नई सरकार ने रिटर्न गिफ्ट के तौर पर दूसरी बार धामी सरकार ने सरकार बनाने के बाद जो डीजल व पेट्रोल में ₹10 प्रति लीटर बढ़ोतरी की है ,इससे किसानों की कमर टूटने जा रही है तथा आम जनमानस परेशान है।
गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार को ₹2400 प्रति क्विंटल करना चाहिए था, क्योंकि जब से सरकार नई सरकार धामी सरकार बनी है रिटर्न गिफ्ट के तौर पर अभी तक ₹10 लीटर डीजल व पेट्रोल की मूल्य वृद्धि हो चुकी है। सरकार ने मेरे जनहित याचिका में डबल बेंच की खंडपीठ में लिख कर दिया था 24 घंटे से लेकर 1 हफ्ते के अंदर किसानों का धान, गेहूं का भुगतान होगा। दुर्भाग्यवश 4 महीने तक किसानों का भुगतान नहीं हो पा रहा है ।फिर भी उन एजेंसियों को क्रय केंद्र में गेहूं खरीदने की जिम्मेदारी सौंप रखी है ,इससे साफ होता है जरूर सरकार की मिलीभगत है । जिन्हें ब्लैक लिस्ट होना चाहिए था । बेमौसम बरसात की वजह से 10 क्विंटल लगभग प्रति किसानों की पैदावार कम हुई है ।प्रति क्विंटल प्रति एकड़ 10 क्विंटल गेहूं हो रहा है ।सरकार को चाहिए कि पुनर्विचार कर बोनस सहित 2400 ₹ क्विंटल गेहूं का मूल्य निर्धारण करना चाहिए ।किसानों ने पूरा समर्थन उत्तराखंड सरकार को दिया है, जरूर विचार करे। जिससे किसानों को राहत मिल सके, आत्महत्या की ओर प्रेरित ना हो।