कुमाऊँ
कांग्रेस की गोष्ठी में आखिर क्यों नाराज हुए हुकुम सिंह
हल्द्वानी। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की 77 वी जयंती के अवसर पर आज स्वराज आश्रम में कांग्रेस पार्टी ने गोष्ठी का आयोजन किया था। इस दौरान अचानक कांग्रेस नेता हुकुम सिंह कुँवर का पारा गरम हो उठा। उन्होंने मंच पर ही उछल-उछल कर कहा मैं हूं ‘माई का लाल, आखिर हुकुम को यह कहने की क्यों जरूरत पड़ी, कहीं न कहीं उनकी नाराजगी खुलकर सामने आ ही गई। चर्चा तो यहां तक है कि हुकुम सिंह कुंवर कई वर्षों से कांग्रेसी रहे हैं,उत्तराखंड राज्य निर्माण में भी उनकी भूमिका अहम रही है, वह प्रमुख आंदोलनकारियों में जाने जाते हैं। हालांकि बीच में उन्होंने कुछ समय के लिए भाजपा का दामन भी थाम लिया था, परंतु घर वापसी के बाद उन्होंने हमेशा की तरह कांग्रेस पार्टी के लिए ईमानदारी से कार्य किया ऐसा उनका कहना है। ऐसे में हुकुम सिंह की नाराजगी की कोई खास वजह जरूर रही होगी। इस हंगामे की वजह से आम लोगों के बीच अच्छा सन्देश नहीं गया ।
बहरहाल मामला जैसे तैसे शांत करा दिया गया, लेकिन कांग्रेस पार्टी के खेमे में अभी भी अंदरूनी मतभेद और एक दूसरे के प्रति नाराजगी साफ झलकती हुई दिखाई देती है। लोगों ने तो यहां तक कहा कि अभी जैसे-जैसे चुनाव के दिन नजदीक आने वाले हैं गुटबाजी और दावेदारी को लेकर फिर से इस तरह का माहौल देखने को मिलता रहेगा।
लोगों का कहना है,चुनाव में दावेदारी को लेकर अभी से अपना वर्चस्व बनाने की कोशिश कर रहे कांग्रेस नेताओं का सभास्थलों में हंगामेबाजी सही लक्षण नहीं है। स्वराज आश्रम में हुकुम सिंह कुंवर समर्थकों ने जहां नारेबाजी कर दी वहीं कांग्रेस के अन्य धड़े के लोगों ने भी अपने-अपने दावेदारों का पक्ष मजबूत करना शुरू कर दिया। कुलमिलाकर कांग्रेस का अंदरूनी आक्रोश मंच पर दिखाई देने लगा है।कुछ लोगों का यह भी कहना है यह तो शुरुआत है, चुनाव से पहले अभी काफी कुछ देखने को और भी मिलेगा।