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उत्तराखण्ड

जंतु विज्ञान के प्रोफेसर नें राजकीय महाविद्यालय की प्राचार्य पर लगाया प्रताड़ित करने का आरोप

टनकपुर – राजकीय महाविद्यालय में अस्थाई प्राध्यापक के साथ किए जा रहे उत्पीड़न के मामले विद्यालय के कई छात्र नेताओं ने प्राचार्य डॉ. अनुपमा तिवारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। महाविद्यालय के छात्रों ने अस्थाई प्राध्यापक का उत्पीड़न बंद कर उन्हें नियमित रूप से मानदेय देने की मांग उठाई है। मीडिया से मुखातिब होते हुए अस्थाई प्राध्यापक डॉक्टर होशियार सिंह ने बताया कि वह 15 नवंबर 2017 से डिग्री कॉलेज में जंतु विज्ञान विषय पढ़ाते हैं। प्रति पाली उन्हें ₹500 मानदेय दिया जाता है। लेकिन प्रत्येक माह पढ़ाई पाली को कम दिखाकर उनको मानदेय दिया जा रहा है। इस संबंध में उनके द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जवाब मांगा गया था। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा प्रथम अपील उच्च शिक्षा निदेशालय में लगाई थी। जिसके बाद से उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। बताया कि वे ऑनलाइन कार्य समेत नियमित कक्षाएं करते हैं। उन्होंने प्राचार्य पर आधारहीन कृतियो व संविदा निरस्त करने की धमकी दिए जाने का भी आरोप लगाया है। पत्र में उन्होंने कहा कि उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित भी होना पड़ रहा है। और कहा कि मेरे साथ या मेरे परिवार के साथ कोई भी अप्रिय घटना घटती है तो इसकी समस्त जिम्मेदारी राजकीय महाविद्यालय टनकपुर के वर्तमान प्राचार्य डॉक्टर अनुपम तिवारी व महाविद्यालय प्रशासन की होगी। उन्होंने इस मामले में पूर्व में निर्धारित किए गए नियमों के तहत उन्हें वेतन दिए जाने की मांग उठाई है। इधर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अनुपमा तिवारी ने प्राध्यापक द्वारा लगाए गए आरोपो को बेबुनियाद बताया है। कहा कि 2017 में यहां प्राचार्य पद पर कार्यरत न होने पर इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। वर्ष 2023 से यहां प्राचार्य कार्यरत हैं तब से उन्हें मानको के अनुरूप निर्धारित मानदेय दिया जा रहा है। इस मौके पर पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष राजेंद्र सिंह, समीर नायक, मनीष बिष्ट, हर्षित शर्मा, सनी यादव, दीपक बेलवाल, सूरज मिश्रा, सौरभ आदि शामिल रहे।

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