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उत्तराखण्ड

160 साल पुराने प्राचीन महादेव मंदिर में भक्तों का लगेगा तांता

अल्मोड़ा। जिले के पिथौरागढ़ सीमा सेराघाट बीड़ा महादेव मंदिर जो की सरयू गंगा व जैगन नदी के संगम पर स्थापित है। यह महादेव मंदिर अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ बागेश्वर तीन जिलों के सीमांत क्षेत्र से लगा है। यह प्राचीन मंदिरों में माना जाता है।
उत्तराखंड पृथक राज्य बनने से पहले मानसरोवर यात्रियों का यहां पड़ाव हुआ करता था, बीड़ा महादेव का मंदिर सेराघाट में 160 साल पुराना प्राचीन महादेव मंदिर है।

160 साल पहले जैगन नदी व सरयू गंगा के सगंम के ठीक तीन किलोमीटर दूरी पर एक गुफा बताई जाती है। उस गुफा से इस बीड़ा महादेव मंदिर की उत्पत्ति हुई।सरयू गंगा के इस पार तट पर महादेव मंदिर है। ‌ठीक उसी के उस पार पर तीन किलोमीटर पर गुफा थी,उस गुफा से महादेव मंदिर की उत्पत्ति होना बताया जाता है।
आज भी उस गुफा के सामने से सरयू गंगा का जल जागनाथ ब्रहम कुंड में जाता है। बरसात के समय ज्यादा पानी के बहाव के कारण जागनाथ ब्रहम कुंड कचूवां पानी श्रधालुओं को दिखता है। लेकिन महादेव मंदिर की उत्पत्ति के बाद व गुफा क्षतिग्रस्त व बंद हो गई। लेकिन इस गुफा के सामने से जागेश्वर धाम के ब्रहम कुंड में आज भी पानी जाता है। महादेव मंदिर में मकरसंक्रांति का दो दिवसीय महाकौतिक,एक दिवसीय महाशिवरात्रि कौतिक,एक दिवसीय बिखौति बैशाखी कौतिक होता आ रहा है। इस मंदिर के पुजारी रमेश भट्ट हैं इससे पहले उनके स्वर्गीय पिताजी पुरूषोत्तम भट्ट, उससे पहले उनके दादा गंगा दत भट्ट रहे हैं। इस मंदिर में मकरसंक्रांति व महाशिवरात्रि व बिखौति बैशाखी मेले के दौरान अलग अलग क्षेत्रों से अपने बच्चों के जनेऊ संस्कार की प्रथा भी चली आ रही है।

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-प्रताप सिंह नेगी, सामाजिक कार्यकर्ता

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