उत्तराखण्ड
शहीदों के सम्मान में उत्तराखंड सरकार का बड़ा कदम: बढ़ी अनुग्रह राशि, नई योजनाओं और नामकरण का ऐलान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में आयोजित सैनिक सम्मान समारोह में राज्य के वीर जवानों और उनके परिवारों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। अपने पिता स्वर्गीय शेर सिंह धामी की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि परमवीर चक्र विजेताओं को अब राज्य सरकार की ओर से डेढ़ करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी, जो पहले 50 लाख रुपये थी। यह निर्णय राज्य के शहीदों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वर्ष 2012 में प्रदेश में कांग्रेस सरकार थी, तब उनकी पहल पर तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने सेना और अर्द्धसैनिक बलों में शहीद होने वाले जवानों को 10 लाख रुपये अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी। इसके बाद, एक ही दिन में राज्य के पांच जवानों की शहादत के बाद उन्होंने सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के साथ मिलकर यह राशि 50 लाख रुपये तक बढ़ा दी थी। अब इसे एक बार फिर संशोधित कर डेढ़ करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने यह जानकारी भी साझा की कि अब तक राज्य में 31 शहीद आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है और नौकरी के लिए आवेदन की समयसीमा को दो साल से बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की ‘ड्रोन दीदी’ योजना को उत्तराखंड में विस्तार देने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस योजना से वीरनारियों को जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिल सके। राज्य में सैनिक विश्राम गृहों के जीर्णोद्धार का काम तेजी से किया जा रहा है, जिसमें टनकपुर और खटीमा में निर्माणाधीन विश्राम गृह और सीएसडी कैंटीन शामिल हैं।
इस कार्यक्रम में एक और महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक परिवारों की 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को अब बदरीनाथ धाम के नि:शुल्क दर्शन कराए जाएंगे। यह सुविधा पहले केवल सेवानिवृत्त सैनिकों तक ही सीमित थी, लेकिन अब इसका दायरा बढ़ाकर परिवार की बुजुर्ग महिलाओं तक कर दिया गया है।
खटीमा के ब्लॉक प्रशासक रंजीत सिंह नामधारी की मांग पर मुख्यमंत्री ने खटीमा और नानकमत्ता के दो गांवों के नाम बदलने की भी घोषणा की। खटीमा स्थित मोहम्मदपुर भुड़िया गांव का नाम अब पुलवामा हमले में शहीद हुए वीरेंद्र सिंह राणा के नाम पर रखा जाएगा। वहीं नानकमत्ता का मोहम्मदगंज गांव अब गुरु गोविंद सिंह नगर के नाम से जाना जाएगा।
मुख्यमंत्री की इन घोषणाओं को प्रदेश में शहीदों और उनके परिजनों के सम्मान में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे समाज में उनके योगदान के प्रति सम्मान की भावना और सशक्त होगी।
















