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उत्तराखण्ड

फर्म से रुपये निकालने और राइस मिल व्यापारी की धमकी देने पर हुई कार्रवाई

सितारगंज। यहां धोखाधड़ी के आरोप में पुलिस ने नगरपालिका अध्यक्ष हरीश दुबे, पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी नवतेज पाल सिंह समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। सचिन अरोरा पुत्र जगदीश लाल अरोरा निवासी वकर्ड सात सितारगंज ने पुलिस को तहरीर देकर बताया है कि रमेश अरोरा पुत्र प्यारे लाल अरोरा एवं ममता अरोरा पत्नी रमेश अरोरा, निवासी वार्ड नंबर-7, सितारगंज, जिला ऊधमसिंहनगर के साथ मिलकर मैसर्स जगदम्बा एग्रो सीड्स भिखारीपुर रोड, ग्राम मझोला, तहसील खटीमा के नाम से एक फर्म पार्टनरशिप फर्म बनाई गई थी। फर्म के नाम से एक राईस मिल खोली गई। फर्म बनाने के कुछ वर्ष पश्चात उसके पार्टनर नियमानुसार संचालन नहीं कर रहे थे।

इस सम्बन्ध में प्रार्थी के द्वारा अपने फर्म पार्टनर्स को कहा गया तो दोनों उससे अभद्र व्यवहार करने लगे। जिससे उसका अपनी फर्म पार्टनरशिप विवाद रहने लगा। विवाद समाप्त करने के लिए उसने अपने पार्टनरों से एक लिखित समझौतानामा छह मई 2018 को गवाहों के समक्ष बनवाया।

समझौतेनामे के अनुसार छह मई 2018 के पश्चात फर्म के समस्त लेन-देन बैंक और अन्य सभी जिम्मेदारी पार्टनर्स की होगी तथा फर्म का भवन का मालकागजात प्रार्थी के नाम दर्ज हैं, इसलिए पार्टनर्स उक्त भूमि एवं भवन के एवज में उसे एक करोड़ चालीस लाख रुपये अदा करेंगे।इसके बाद फर्म में प्रार्थी का किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं रहेगा। फर्म के समस्त कागजात में उसका नाम हटा दिया जायेगा। समझौते के पश्चात वह जगदम्बा एग्रो सीड्स राइस मिल के समस्त कार्यों से अलग हो गया। किन्तु प्रार्थी के पार्टनर द्वारा प्रार्थी को बकाया रकम अभी तक अदा नहीं की गई है। उसके द्वारा काफी बार फर्म से अपना नाम हटाने के लिए कहा गया, किन्तु पार्टनर नाम हटाने में किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं कर रहे हैं। जिस पर उसने अपने पार्टनरशिप फर्म का बैंक खाता का संचालन रोक दिया।

26 मई 2021 को उसे पार्टनर ने अपने घर पर बुलाया। वहां पर मौजूद पार्टनर्स के सहयोगी नवतेज पाल निवासी वार्ड नंबर-8, सितारगंज, बहादुर सिंह पूर्व ब्लाक प्रमुख, शाकिर पठान उर्फ बब्बू, मृदुल त्रिपाठी, मनीष किनरा एवं पारस अरोरा पुत्र रमेश अरोरा, हरीश दुबे निवासीगण सितारगंज आदि लोग मौजूद थे। सभी लोगों के द्वारा प्रार्थी से पार्टनरशिप फर्म खाता पुनः चालू कराने का दबाव बनाने लगे।जिस पर प्रार्थी के द्वारा मना करने पर उक्त सभी लोग एकराय होकर प्रार्थी के साथ गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी। जिस पर वह वहां से चला आया। 27 मई को किन्हीं अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा प्रार्थी के घर में फायर किया गया। जिससे प्रार्थी के घर की खिड़की के कांच में छेद हो गया। इसकी शिकायत थाने में की गई थी। 28 मई को फर्म का खाता पुनः चालू करवाया गया। फर्म का खाता चालू होने के पश्चात उसके पार्टनरों के द्वारा पार्टनरशिप बैंक खाते से लगभग ढाई करोड़ रुपये निकाल लिये।

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पार्टनरशिप फर्म के नाम से बैंक लोन लिया गया था, उक्त लोन को प्रार्थी के पार्टनरों के द्वारा जमा किया जाना था, किन्तु उक्त लोगों के द्वारा लोन जमा नहीं किया गया।जिससे कि प्रार्थी को बैंक से रुपये जमा कराने के बावत नोटिस भेजा जा रहा है। अगर प्रार्थी के द्वारा बैंक लोन जम तो प्रार्थी की भूमि को कुर्क किया जाएगा। उसके पार्टनर के द्वारा यूसीएफ से वर्ष 2020-21 में धान लेकर उसको कुटाई कर चावल यूसीएफ को देने के लिये क्रमशः 3 धान लिया, किन्तु काफी समय व्यतीत होने के पश्चात प्रार्थी के पार्टनरों के द्वारा यूसीएफ को चावल वापस नहीं किया गया। जिस पर यूसीएफ के द्वारा सम्पर्क कर चावल वापिस करने को कहा गया तो उसके द्वारा फर्म के कामकाज को न सम्भालने की बात करते हुए चावल के बारे में जानकारी न होने की बात कही गई।यूसीएफ के द्वारा प्रार्थी पर कानूनी कार्रवाई की धमकी दी गई। जिस पर प्रार्थी के द्वारा यूसीएफ को प्रार्थनापत्र दिया गया कि फर्म में विवाद की स्थिति है तथा यूसीएफ का चावल भी वापस नहीं किया गया है। तो ऐसी स्थिति में मैसर्स जगदम्बा एग्रो सीड्स का भुगतान रोक दिया जाए।

इसके उपरान्त यूसीएफ के कर्मचारी द्वारा मिलीभगत कर जगदम्बा एग्रो सीड्स प्रार्थी के फर्म का भुगतान कर दिया गया और यूसीएफ अनावश्यक रूप से प्रार्थी पर चावल वापस करने का दबाव बना रहा है।उसकी फर्म का बैंक खाता संख्या-50200033991466 एचडीएफसी बैंक मुख्य शाखा पीलीभीत उत्तर प्रदेश में खाता खुला हुआ था। उसके द्वारा दिनांक 21 दिसंबर 2021 को बैंक में अपनी पार्टनरशिप फर्म के बैंक खाते के संचालन पर रोक लगाने के लिये प्रार्थनापत्र दिया गया था। जिस पर बैंक के द्वारा खाते के संचालन पर रोक लगा दिया गया। किन्तु तत्कालीन बैंक मैनेजर एवं बैंक कर्मचारी अमरजीत सिंह के साथ प्रार्थी के पार्टनर की काफी मित्रता है। जिसका लाभ उठाते हुये प्रार्थी के पार्टनर मिलकर षडयंत्र रच कर पार्टनरशिप फर्म के खाते से पैसा निकाल लिया गया।

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उसके पार्टनरों के द्वारा प्रार्थी को धोखा देने एवं आर्थिक नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से पार्टनरशिप फर्म के नाम पर ऊधमसिंहनगर डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक शाखा मझौला के खाता संख्या-003335001100007 ममता अरोरा एवं रमेश अरोरा के द्वारा बैंक को गुमराह करते हुए नया खाता खुलवाया गया। उक्त बैंक खाते का उपयोग प्रार्थी के पार्टनरों द्वारा फर्म के पैसों का गबन किये जाने का उद्देश्य से किया गया।

रमेश अरोरा एवं ममता अरोरा दोनों पति-पत्नी हैं तथा प्रार्थी के साथ साजिश करते हुए धोखाधड़ी कर प्रार्थी को काफी अधिक नुकसान पहुंचाया है। यूसीएफ एवं बैंक के साथ मिलकर भी प्रार्थी के साथ धोखाधड़ी की गयी है। प्रार्थी के पार्टनर एवं उसके उक्त वर्णित सहयोगी दबंग किस्म के व्यक्ति हैं जिस वजह से प्रार्थी एवं प्रार्थी का पूरा परिवार काफी डरा सहमा रहता है। प्रार्थी को अंदेशा है कि उक्त लोग प्रार्थी एवं उसके परिवार के साथ कोई अप्रिय घटना घटित कर सकते हैं। पुलिस ने पार्टनर्स एवं तत्कालीन बैंक मैनेजर तथा अन्य बैंक कर्मचारियों एवं यूसीएफ के कर्मचारियों व नवतेजपाल, बहादुर सिंह, शाकिर पठान, मृदुल त्रिपाठी, मनीष किनरा, पारस अरोरा, हरीश दुबे पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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