Connect with us

उत्तराखण्ड

कोलानी गांव में 42 साल बाद हुआ पांडव लीला मंचन का अयोजन

रानीखेत। द्वाराहाट विधानसभा के सुदूरवर्ती गांव चुलेरासिम में आज पांडव लीला की टीम पूर्व ग्राम प्रधान नारायण सिंह बिष्ट के घर पहुंची। जिसके बाद उनके आंगन में पांडव लीला का सुंदर मंचन किया।

बता दें कि इस पांडव लीला का मंचन अल्मोड़ा जिले और चमोली जिले के मध्य में स्थित कोलाणी गांव जहां पर एक लंबी अवधि के बाद करीब 42 वर्षों के बाद पांडव लीला का कार्यक्रम किया गया। इसमें समस्त गांव वालों ने अपना अपना सहयोग दिया।पिछले 19 नवंबर से इस पांडव लीला का कार्यक्रम शुरू किया गया था।

चुलेरासीम गांव के पूर्व ग्राम प्रधान ने इस पांडव लीला टीम को निमंत्रण देकर अपने गांव में बुलाया। जिसके बाद पांडव लीला के सम्मानित सदस्यों ने पूर्व ग्राम प्रधान का निमंत्रण स्वीकार कर चुलेरासीम गांव पहुंचे। जिस गांव में इन्हे बुलाया जाता है वहां के लोग इनके पैर धोकर फूलों, मालाओं के साथ इनका स्वागत करते है, और अपनी मुराद पूरी करने के लिए इन सभी पात्रों के बाजू पर रुपए बांधे जाते हैं। कुछ लोग तो रुपयों की माला भी चढ़ाते हैं।

आपको यह भी बताते चलें कि इस टीम में 21 लोग होते हैं। जिसमे माता कुंती, श्री कृष्ण, बलराम, युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव के साथ साथ बसंता, फुलारी, नागार्जुन, नागार्जुनी, द्रौपदी, घस्यारी, हनुमान सहित 21पात्र मुख्य रूप से होते हैं। इन पात्रों को ढोल दमाऊं पर दास द्वारा आह्वान कर पंडित द्वारा तिलक चंदन लगाकर इनका स्वागत किया जाता है।

यह टीम पांडव लीला नित्य करके विभिन्न मुद्राओं में युद्ध कौशल को बताते हैं। इन सभी पात्रों को हथियार बसंता के द्वारा दिए जाते हैं, क्योंकि हत्यारों की रखवाली का जिम्मा बसंता के ऊपर होता है। जिसके बाद घस्यारी फुलवारी के द्वारा फूलों की बरसात करती है।

यह भी पढ़ें -  मुख्यमंत्री धामी के कैबिनेट बैठक आज, इन मुद्दों पर लगा सकती है मुहर

घस्यारी द्वारा पांडवों का स्वागत रास्तों की साफ सफाई करके किया जाता है। कुंती माता एक स्थान पर बैठ कर के इन सब पर नजर बनाए रहती है। बाकी के पात्र गोल घेरे में अलग-अलग मुद्राओं में युद्ध कौशल दिखाते हैं। पांडव लीला में विशेष रूप से अर्जुन और भीम का युद्ध कौशल देखते ही बनता है।

रिपोर्ट – बलवन्त सिंह रावत

Continue Reading
You may also like...

More in उत्तराखण्ड

Trending News