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उत्तराखण्ड

हाईकोर्ट नैनीताल द्वारा समतलीकरण नियम को रद्द करने के आदेश के बाद खनन व्यवसायियों में उत्साह का माहौल

लालकुआं। उच्च न्यायालय द्वारा समतलीकरण नियम पर रोक लगाने के आदेश जारी करने के बाद क्षेत्र के खनन व्यवसायियों में जबरदस्त उत्साह व्याप्त हो गया, उन्होंने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया।गौला खनन संघर्ष समिति के बैनर तले वाहन स्वामियों ने मोटाहल्दू में उच्च न्यायालय द्वारा समतलीकरण के नाम पर खोदे जा रहे अवैध गड्ढों पर रोक लगाने के फैसले का स्वागत करते हुए मिष्ठान वितरण कर उच्च न्यायालय का आभार व्यक्त किया।

गौला खनन संघर्ष समिति के संयोजक रमेश चंद जोशी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा गलत खनन नीति के कारण समतलीकरण के नाम से 8 रुपए प्रति कुंटल रॉयल्टी वसूला जा रहा था, जबकि अन्य नदियों की रॉयल्टी 31 रुपए है। समतलीकरण के नाम पर खनन व्यवसायियों द्वारा अवैध खनन किए जाने का आरोप लगाया जा रहा था। कई स्टोन क्रेशरों में कीचड को गड्ढे में डालने के नाम पर गहरे गड्ढे बनाये जा रहे थे।

उच्च न्यायालय के आदेश से गौला एवं नंन्दोर के खनन कार्यों में काफी राहत मिलेगी। क्षेत्र के खनन व्यवसाईयो ने अभी तक निकासी गेटों से रिनुअल फार्म भी नहीं लिए है। मिष्ठान वितरण करने में वाहन स्वामी हेम चंद्र दुर्गापाल, रमेश चंद्र जोशी, रवि कबडवाल, इंदर सिंह नयाल, मदन मोहन पंत, दलीप सिंह भंडारी, गणेश चंद्र बिरखानी, मनोज बिष्ट, ललित डोढियाल, कांति बल्लभ, विवेक उपाध्याय सहित कई वाहन स्वामी मौजूद थे।

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