उत्तराखण्ड
धामी सरकार का बजट विकास विरोधी, दिशाहीन, मंहगाई व बेरोजगारी बढ़ाने वाला चुनावी बजट :डाॅ गणेश
शांतिपूरी (उधमसिंह नगर)। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ गणेश उपाध्याय ने प्रस्तुत बजट को विकास विरोधी, दिशाहीन, मंहगाई व बेरोजगारी बढ़ाने वाला चुनावी बजट बताया। उन्होंने कहा कि बजट राज्य की आर्थिक समृद्धि को धीमा करने वाला बजट है। राज्य की धामी सरकार प्रदेश को धीमा करने वाली सरकार है। बजट में नया कुछ भी नहीं है। इस बजट में महंगाई, बेरोजगारी, महिला सुरक्षा, नये रोजगार व पलायन रोकने के कोई प्रावधान नहीं किये गए हैं। बार-बार किसानों की आय दोगुनी करने का ढोल पीटने वाली भाजपा सरकार ने किसानों के लिए बजट में कुछ भी नई घोषणा नहीं की है। आंकड़ों की जादूगरी के सिवा कुछ नहीं किया गया है। विगत वर्ष की भांति इस बजट में भी गरीव छात्र-छात्राओं के लिए कोरी घोषणाएं की गई है। विगत वर्ष के बजट की भांति इस वर्ष भी क्लस्टरवार उत्कृष्ट विद्यालय खोलने की बजट में झूठी घोषणाएं की गयी हैं।
बजट ऊंट के मुंह में जीरा के समान रखा गया है, एक ओर जहां पूर्व में खोले गये अटल आदर्श विद्यालयों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। वहीं, पर्वतीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में विद्यार्थी विहीन विद्यालयों की दशा सुधारने के लिए बजट में कुछ नहीं किया गया। बजट में स्वयं के संसाधनों से 20891 करोड़ रुपये की प्राप्ति दर्शायी गई है जो कि पिछले राजस्व के मुकावले 3853 करोड़ रुपये कम है। राज्य सरकार के बजट में केन्द्र सरकार के बजट की झूठी घोषणाओं का ढिंढोरा पीटा गया है। बजट से साफ हो गया है कि, डबल इंजन सरकार में प्रति व्यक्ति आय और विकास की बातें केवल प्रचार और जुमलेबाजी तक सीमित है। किसान, श्रमिक, कर्मचारियों की झोली खाली रह गई है। जनता को लोकसभा चुनाव की दृष्टि से बजट से बहुत उम्मीदें थी, लेकिन जनता को आखिरकार निराशा हाथ लगी। कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को लेकर आशांवित थे परन्तु अब निराश है।
किसान भी न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग कर रहे थे। लेकिन सभी पूरी तरह निराश हुए हैं। प्रदेश सरकार ने अपनी किसी ऐसी योजना का उल्लेख नहीं किया है। भाजपा सरकार ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए जुमला बजट बनाया है। जनता सब जानती है, आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को कथनी और करनी का फर्क भुगतना पड़ेगा।