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कुमाऊँ

औण जलाने के समय में हो बदलाव, धामस गांव में वनाग्नि पर चर्चा


–नवीन बिष्ट
अल्मोड़ा। पर्वतीय इलाकों के जंगलों को आग से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से प्लस एप्रोच फाउंडेशन नई दिल्ली द्वारा ग्राम सभा धामस में द्वितीय ओण दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

ओण दिवस कार्यक्रम का उद्देश्य ओण जलाने की परंपरा को समयबद्ध और व्यवस्थित कर जंगलों को आग और नुकसान से बचाने में जनसहभागिता सुनिश्चित करना है। कार्यक्रम की अध्यक्षता खूंट की ग्राम प्रधान श्रीमती सरिता देवी और ग्राम प्रधान धामस भगवान सिंह बिष्ट द्वारा की गई। ग्राम सभा धामस के निकट पंडित गोविंद बल्लभ पन्त संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम में स्याहीदेवी -शीतलाखेत आरक्षित वन क्षेत्र के 30 गांवों के लगभग 700 महिलाओं तथा पुरुषों द्वारा प्रतिभाग किया गया। संचालन नरेन्द्र बिष्ट द्वारा किया गया।

प्लस एप्रोच फाउंडेशन नई दिल्ली द्वारा स्याहीदेवी शीतलाखेत क्षेत्र में ग्रामीणों और वन विभाग के सहयोग से चलाये जा रहे जंगल बचाओ-जीवन बचाओ अभियान में मुख्य भूमिका निभाने वाली महिलाओं तथा आग बुझाने में सहयोग करने वाले प्रथम पंक्ति के फायर फायटर्स को सम्मानित किया गया। प्लस एप्रोच फाउंडेशन के अलावा कार्यक्रम के आयोजन में गोविन्द बल्लभ पंत हिमालयन पर्यावरण संस्थान, कटारमल, नौला फाउंडेशन, ग्रामोद्योग विकास संस्थान, ढैंली तथा जंगल के दोस्त समूह द्वारा सहयोग दिया गया।

कार्यक्रम में वक्ताओं ने जंगलों की आग को जल स्त्रोतों, जैवविविधता और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया और कहा कि ओण दिवस के माध्यम से जंगलों को आग से सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी। जंगलों की आग‌ से बचाने में महिलाओं की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए महिला मंगल दलों को मजबूत करने पर जोर दिया गया। कार्यक्रम में महिलाओं द्वारा खूंट से धामस गांव तक जागरूकता रैली निकाली गई। इस बार के ओण दिवस कार्यक्रम का आयोजन प्लस एप्रोच फाउंडेशन के सहयोग से किया जा रहा है।
प्लस एप्रोच फाउंडेशन एक पंजीकृत गैर सरकारी संगठन है जो समाज में सकारात्मक सोच के साथ लोगों की प्रगति, समृद्धि और शांति के लिए काम कर रहा है ताकि सभी को खुशी मिल सके और सभी सफल हों।

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प्लस एप्रोच फाउंडेशन डा आशुतोष कर्नाटक के मार्गदर्शन में काम कर रहा है। डाक्टर आशुतोष कर्नाटक अल्मोड़ा के मूल निवासी हैं और वर्तमान में दिल्ली में कार्यरत हैं श्री कर्नाटक गेल के सी एम डी के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।प्लस एप्रोच फाउंडेशन द्वारा शीतलाखेत के निकट मटीला गांव को गोद लिया गया है और इसे सशक्त, सकारात्मक और आत्मनिर्भर PIE ( Positive,Inspired, Empowered ) गांव बनाने के रुप में परिवर्तित करने के लिए काम किया जा रहा है।इस गांव में बच्चों के शैक्षणिक विकास के लिए रेमेडियल क्लासेज, कंप्यूटर क्लासेज का संचालन किया जा रहा है। महिलाओं के लिए सिलाई कढ़ाई प्रशिक्षण केन्द्र खोला गया है। इसके अलावा बेहद गरीब परिवारों के लिए विदुषी विवाह कन्यादान तथा सपनों का घर योजना चलाई जा रही है
कार्यक्रम में गोविन्द बल्लभ पंत हिमालयन पर्यावरण संस्थान के निदेशक प्रो सुनील नौटियाल, प्रभागीय वनाधिकारी अल्मोड़ा हिमांशु बागड़ी, पूर्व प्रभागीय वनाधिकारी अल्मोड़ा महातिम यादव, वरिष्ठ वैज्ञानिक आई डी भट्ट, प्लस एप्रोच फाउंडेशन की प्रतिनिधि सुश्री हिना पांडेय,रेडक्रास सोसायटी अल्मोड़ा के अध्यक्ष मनोज सनवाल, ग्रामोद्योग विकास संस्थान अल्मोड़ा गिरीश शर्मा, जंगल के दोस्त के संरक्षक आर डी जोशी, जिला पंचायत सदस्य प्रताप सिंह, नौला फाउंडेशन से श्रीमती कमला कैड़ा, वन क्षेत्राधिकारी मोहन राम, रमेश भंडारी, महेन्द्र नेगी, रवि परिहार पूरन सिंह, बिशन सिंह, खीम सिंह,गणेश पाठक, युधिष्ठिर सिंह, चंदन सिंह, चंदन सिंह भोजक, हरीश रौतेला, गोपाल गुरूरानी सहित सैकड़ों ग्रामीणों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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