Connect with us
Breaking news at Parvat Prerna

उत्तराखण्ड

देहरादून एसटीएफ और एडीटीएफ ने किया दो पुलिसकर्मियों की शह पर चलने वाले नशे के सबसे बड़े गैंग का भंडाफोड़

उत्तराखंड की अब तक की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है जहां पर देहरादून एसटीएफ और एडीटीएफ ने हरिद्वार में पुलिसकर्मियों की शह पर चल रहे नशा तस्करों के बड़े गैंग का खुलासा किया है। इसमें दो पुलिसकर्मियों सहित गैंग लीडर और तीन अन्य को गिरफ्तार किया गया है। उनके कब्जे से भारी मात्रा में चरस, स्मैक आदि बरामद की गई है। नशा तस्करी का यह पूरा खेल एंटी ड्रग्स फोर्स में तैनात और अन्य पुलिसकर्मियों की शह पर चल रहा था। बताया गया है कि आरोपियों के द्वारा 15 किलो स्मैक की यानी करीब डेढ़ करोड़ रुपये की डील की तैयारी की जा रही थी।

पुलिस मुख्यालय में उत्तराखंड पुलिस के प्रवक्ता नीलेश आनंद भरणे और एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि एसटीएफ को विगत कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी कि हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र में नशा तस्करों का एक संगठित गिरोह चल रहा है। सूचना पर एसटीएफ और एडीटीएफ की संयुक्त टीम का गठन किया गया। इसके बाद गोपनीय व सर्विलांस के माध्यम से जानकारी जुटाई गई। पुख्ता साक्ष्य मिलने के बाद शुक्रवार को एसपी एसटीएफ जवाहरलाल के नेतृत्व में टीमों का गठन किया गया और राहिल फत्र मुस्तफा निवासी कस्सावाला, गैंग लीडर सत्तार पुत्र असगर, गंगेश पत्नी स्व. मोहनलाल, इरफान पुत्र जगशहीद निवासी एकड़ पथरी को गिरफ्तार किया गया। मौके पर राहिल के कब्जे से 198 ग्राम स्मैक और कुछ रकम, गंगेश से 1.25 किलो चरस बरामद की गई। पूछताछ के बाद तस्करों को शह देने वाले ज्वालापुर थाने में नियुक्त कांस्टेबल अमजद और हरिद्वार एंटी ड्रग्स फोर्स में तैनात कांस्टेबल रईस राजा को भी गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जाएगा।गैंग लीडर सत्तार ने बताया कि उनका पूरा धंधा ज्वालापुर थाने में तैनात सिपाही अमजद अैर एंटी ड्रग्स फोर्स में तैनात सिपाही रईस राजा के संरक्षण में चलता था। जब भी थाना स्तर से कोई कार्रवाई होती, अमजद उन्हें सूचना देता था, जबकि जब भी एसटीएफ की कोई कार्रवाई होती थी तो एंटी ड्रग्स फोर्स में तैनात रईस राजा सूचना दे देता था। इसके लिए दोनों सिपाहियों को अच्छी-खासी रकम दी जाती थी।

यह भी पढ़ें -  दुर्घटना को देखते हुए कैंची धाम से क्वारब मार्ग 14 सितंबर तक बंद

तस्करों के गैंग लीडर सत्तार पर 38 मुकदमे दर्ज हैं।, वह ज्वालापुर थाने का हिस्ट्रीशीटर है। दो बार उस पर गैंगस्टर भी लग चुका है। इस धंधे में उनका बेटा शाहरुख भी शामिल था। जिसे 2019 में रुड़की थाना से नशीले इंजेक्शनों से गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह एक साल से जेल में है। वहीं महिला नशा तस्कर गंगेश भी उत्तरकाशी के नारकोटिक्स के एक अभियोग में 10 साल की सजायाफ्ता है। उसके भी पुलिस थानों में गहरे संबंध हैं और वहीं गैंग लीडर को पुलिस कार्रवाई की सूचना देती थी। इरफान पहले भी जेल जा चुका है। वह विभिन्न जगहों से स्मैक, चरस आदि एकत्रित कर राहिल को उपलब्ध कराता था। राहिल भी इससे पहले 2017 में एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार हो चुका है।बताया गया है कि तस्करों की बहुत जल्दी ही 15 किलो स्मैक की डील होने वाली थी। इसके लिए राहिल ने पथरी क्षेत्र में रहने वाले इरफान से बातचीत की थी। इसका पैसा गैंग लीडर सत्तार की ओर से दिया जाना था। डील होने पर गैंग की ओर से इसे अलग-अलग जगह पहुंचाया जाना था।इधर पुलिस के संरक्षण में चल रहे नशा तस्करी के इस मामले को डीजीपी अशोक कुमार ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि जिन्हें कार्रवाई के लिए रखा गया, उनका इस प्रकार के धंधे में लिप्त पाया जाना गंभीर मामला है। वर्दीधारी अपराधियों को किसी भी हालात में बख्शा नहीं जाएगी। उनकी जगह जेल में होगी। दोनों पुलिसकर्मियों की पूरी रिकॉर्डिंग है। अगर कोई पुलिसकर्मी इस प्रकार के धंधों में लिप्त पाया जाता है तो उसे सीधे बर्खास्त कर जेल भेजा जाएगा।

Continue Reading
You may also like...

More in उत्तराखण्ड

Trending News