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उत्तराखण्ड

शिक्षकों के लिए डिजिटल साक्षरता अनिवार्य, 31 मार्च तक पूरा करना होगा ऑनलाइन प्रशिक्षण

देशभर के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के लिए अब डिजिटल तकनीक में प्रशिक्षित होना अनिवार्य कर दिया गया है। सभी शिक्षकों को 31 मार्च तक 10 घंटे का ऑनलाइन कोर्स पूरा करना होगा। इस कोर्स के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने ई-सृजन नामक एप विकसित किया है, जिसके माध्यम से यह प्रशिक्षण दिया जाएगा।

सभी शिक्षकों को ऑनलाइन कोर्स करना होगा अनिवार्य

एससीईआरटी के अपर निदेशक प्रदीप कुमार रावत ने इस संबंध में सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों के अनुसार, यदि कोई शिक्षक इस कोर्स को पूरा नहीं करता है, तो उसकी वार्षिक गोपनीय आख्या (एसीआर) में इसका उल्लेख किया जाएगा। इस फैसले के पीछे मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) में दक्ष बनाना है, ताकि वे पठन-पाठन में डिजिटल तकनीकों का अधिकतम उपयोग कर सकें।

ई-सृजन एप से मिलेगा डिजिटल तकनीक का प्रशिक्षण

एससीईआरटी ने डिजिटल तकनीकी के बढ़ते महत्व को ध्यान में रखते हुए ई-सृजन एप तैयार किया है, जिससे शिक्षक तकनीकी रूप से दक्ष हो सकें और शिक्षण कार्य में डिजिटल उपकरणों का प्रयोग कर सकें। पूर्व में कुछ शिक्षकों ने इस कोर्स को गंभीरता से नहीं लिया था, लेकिन अब इसे सभी के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।

सभी प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को देना होगा प्रमाणपत्र

यह कोर्स कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी प्रधानाचार्यों, प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के लिए अनिवार्य होगा। कोर्स पूरा करने के बाद शिक्षकों को एक ऑनलाइन प्रमाणपत्र दिया जाएगा, जिसे उन्हें अपने प्रधानाचार्य और खंड शिक्षा अधिकारियों को जमा करना होगा। इसके अलावा, कोर्स के दौरान शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की यह परीक्षा भी होगी कि उन्होंने डिजिटल तकनीक से संबंधित कितना ज्ञान प्राप्त किया है।

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