उत्तराखण्ड
कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम का पालन होना अनिवार्य
बागेश्वर। श्रम मंत्रालय के गैजेट नोटिफिकेशन S.O.1955 दिनांक 21 जून 1975 द्वारा सभी खड़िया खदानों का पंजीकरण कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम 1952 के अंतर्गत होना अनिवार्य कर दिया गया है। इसी प्रकार उक्त अधिनियम में मैग्नेटाइट माइंस का पंजीकरण भी अगस्त 1965 से अनिवार्य है। भविष्य निधि अधिनियम 1952 का उद्देश्य उद्योग में लगे नियमित व ठेका कर्मियों को अनिवार्य रूप से भविष्य निधि पेंशन व बीमा प्रदान करना है। परंतु जिला बागेश्वर में चल रहे खदानों द्वारा भविष्य निधि अधिनियम के अंतर्गत पंजीकरण नहीं कराया गया है जिससे कर्मचारी को सामाजिक सुरक्षा से वंचित रखा जा रहा है।
ध्यान रहे कि भविष्य अधिनियम द्वारा नेपाली नागरिकों को भी सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाती है । इस संदर्भ में क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त आदित्य शाह द्वारा जिला अधिकारी बागेश्वर तथा खनन विभाग से पत्राचार करके माइंस की संपूर्ण जानकारी मांगी गई है। भविष्य निधि कार्यालय द्वारा कुछ माइंस को अनुपालना करने के लिए नोटिस भी दिए गए हैं ।
प्रतिष्ठान पीएफ रजिस्ट्रेशन ईपीएफओ के यूनिफाइड पोर्टल द्वारा करा सकते हैं तथा मासिक चालान भी ऑनलाइन जमा करना होता है। क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय हल्द्वानी द्वारा प्रतिमाह 27 तारीख को निधि आपके निकट कार्यक्रम हर जिले में कराया जाता है जिसमें प्रतिष्ठान तथा कर्मचारी अपनी समस्याएं वह सुझाव रख सकते हैं। बागेश्वर जिले में जहां कार्यक्रम नगरपालिका बागेश्वर में कराया गया जिसमें उपनल , नगर पालिका संविदा कर्मी इत्यादि ने भविष्य निधि संबंधित समस्याएं और सुझाव से कार्यालय को अवगत कराया।