कुमाऊँ
बिन्दुखत्ता वासियों को लगा पूर्व मुख्यमंत्री एन डी तिवारी का श्राप
प्रेम सिंह दानू
बिन्दुखत्ता। क्षेत्रवासियों को पूर्व मुख्यमंत्री एन डी तिवारी का श्राप लग गया यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगा। जिस ब्यक्ति ने बिन्दुखत्ता को बचाने के लिए यह तक कह दिया था कि बिन्दुखत्ता में अगर बोल्डजर चलेगा तो सबसे पहले मेरे सीने में चलेगा। उन्होंने अपनी राजनैतिक शक्ति से पूरे बिंदुखत्ता को रोशनी से जगमगा दिया। वन विभाग के कोई भी आला अधिकारी यह सब देख कर भी अपनी आवाज नही निकाल पाए । क्या बिंदुखत्ता वालों को ऐसा नेता मिल पायेगा। जो बोल सके कि बिंदुखत्ता में अगर बोल्डजर चलेगा तो सबसे पहले मेरे सीने में चलेगा।
इतना करने के बाद भी आज उनके लिए एक छोटी सी मूर्ति लगाने की जगह नही है। शायद यही श्राप बिन्दुखत्ता को लग रहा है। बिंदुखत्ता आज पुत्री तरह से राजनीति की भेंट चढ़ चुका है। सभी पार्टियां बिन्दुत्ता वासियों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर रही हैं। मिनी उत्तराखंड के नाम से जाना जानने वाला यह क्षेत्र बिखरता नजर आ रहा है।
जरा याद करो वो दिन जब हमारे पूर्वजों ने एक साथ मिलकर किस तरह से संघर्ष किया। अपनी लड़ाई में कैसे सफल हुए ।क्योंकि वे लोग किसी भी राजनीतिक पार्टियों के भरोसे नही थे। उन्हाने अपनी लड़ाई खुद ही लड़ी और सफल हुए।लेकिन आज बिंदुखत्ता के नाम पर सभी लोग राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं ।