Connect with us
Breaking news at Parvat Prerna

कुमाऊँ

जीवन के बुनियादी अधिकार की रक्षा करने में सरकार विफल : बल्यूटिया

हल्द्वानी। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सरकार भारतीय नागरिकों के जीवन रक्षा के मौलिक अधिकार की रक्षा नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा सरकार अनुच्छेद 21 के प्रावधानों के तहत नागरिकों की जीवन रक्षा के लिए निम्नलिखित इंतज़ाम करे-
👉 अतिरिक्त बेड मय आक्सीजन व्यवस्था के
👉 अतिरिक्त वेंटिलेटर की व्यवस्था।
👉 आक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था।
👉 आई० सी०यू० की व्यवस्था।
👉 आर०टी०पी०सी०आर टेस्ट की पर्याप्त व्यवस्था व समय से रिपोर्ट उपलब्ध कराने की व्यवस्था।
👉 संकट काल के दौरान प्लाज़्मा निकालने की निशुल्क व्यवस्था, जिसका वर्तमान में सरकार रु 12000/- व रु 9000/- ले रही है।
👉दुर्गम क्षेत्रों में एम्बुलेंस व चिकित्सा सुविधा
👉 ब्लड बैंक की तर्ज़ में प्लाज़्मा बैंक की व्यवस्था ताकि आसानी से लोगों। को प्लाज़्मा मिल सके।
👉 वैक्सिनेसन को त्वरित गति से किया जाए ताकि समय से बीमारी पर क़ाबू पाया जा सके।
👉 जीवन रक्षक औषधियों की काला बाज़ारी को रोकना
👉 ऑक्सीमिटर को महंगे दामो में बचने में लगाम कसी जाए।
👉 निजी चिकित्सालयों में कोविड के इलाज कराने में दरें सुनिश्चित की जाए। और उसको मॉनिटरिंग की जाए।
👉 रेमिडिसवेर वैक्सीन को अधिक मात्रा में उपलब्ध कराया जाए जिससे रोगियों के परिजनों को दर दर न भटकना पड़े।
👉 स्वास्थ्य विभाग द्वारा हल्द्वानी के कोविड के चिकित्सालयों में खाली बेडों की स्थिति की सपष्ट व सही सूचना प्रदर्शित की जाए।
👉 मिनी स्टेडियम में कोरोना की जांच के स्थान में धूप से बचने, पानी की व्यवस्था व बुजुर्गों व विकलांग रोगियों के लिए अलग से वयवस्था की जाए। श्री बल्यूटिया ने कोरोना से उत्पन्न हुई परिस्थिति में कहा स्वास्थ्य मंत्रालय का कर्तव्य है कि गंभीर मरीज़ों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त बेडों की व्यवस्था के साथ-साथ डाक्टरों,स्टाफ़ नर्सों , आफिस व सफ़ाई कर्मोयों की नियुक्तियाँ कर बीमारी से ग्रसित लोगों के अधिकारों की रक्षा करे। मगर हैरानी की बात है बेपरवाह स्वास्थ्य मंत्रालय व विभाग अपनी ज़िम्मेदारी नही निभा पा रहा है। जिला प्रशासन ने हल्द्वानी स्टेडियम में 100 बेडों मय आक्सीजन के 1 मई से शुरू करने की घोषणा की मगर स्वास्थ्य मंत्रालय व विभाग द्वारा डाक्टरों, नर्सों, सफ़ाई कर्मचारियों की नियुक्ति नही करने से ज़िलाधिकारी द्वारा किए गए इंतज़ाम धरे रह गए।


दूसरी बात 1 मई से 18 से 45 वर्ष की आयु के लोगों को वैक्सिनेशन की घोषणा बिना तैयारी के हवाई साबित हुई। वैक्सीन ख़त्म होने से वैक्सिनेशन का काम रुक गया है जो कि ख़तरे की घण्टी है।
दीपक बल्यूटिया ने कहा कि सुविधा ना मिल पाने से लोगों में ख़ौफ़ व भय पैदा हो रहा है। लोग इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं जिससे घबराहट में मरीज़ की स्थिति ख़राब हो जा रही है।
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने स्वास्थ्य मंत्रालय व सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि हफ़्ते भर में स्थिति पर क़ाबू नही किया गया तो जनता के अधिकारों के लिए मा० उच्च न्यायालय में जाना ही एकमात्र विपल्प है।

Continue Reading
You may also like...

More in कुमाऊँ

Trending News