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उत्तराखण्ड

आइवरमैक्टिन दवाई पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने लगाई रोक लेकिन फिर भी हो रही इस्तेमाल

हल्द्वानी में आइवरमैक्टिन दवाई के इस्तेमाल को लेकर एक खबर सामने आ रही है जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिस आइवरमैक्टिन दवाई पर रोक लगा रखी है, उस का इस्तेमाल अभी भी किया जा रहा है। जिस कारण सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में आइवरमैक्टिन की ओवरडोज वाले बच्चे पहुंच रहे हैं।

गौरतलब है कि अभी तक दवाई पर रोक हेतु लिखित निर्देश नहीं मिलने पर यह दवा बांटी जा रही है।यह दवा वितरण का काम जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र किया गया। लाजमी है कि वितरण के साथ दवाइयां लेने का तरीका भी बताया था। इसके अलावा बाल रोग विशेषज्ञ ने लोगों से बच्चों को सही डोज देने की बात कही थी। लेकिन खासकर ग्रामीणों में फिर भी सही जानकारी का अभाव रहा।जिस कारण कुछ बच्चों ने इस दवाई की ओवरडोज ली तो उनकी तबीयत बिगड़ गई।

बता दें कि दवा की ओवरडोज लेने के बाद बच्चों में दौरा पड़ना, बेहोशी और उल्टी होने की शिकायतें बताई जा रही हैं। पिछले 15 दिन में पांच बच्चे इलाज के लिए सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचे हैं। इसमें से भिकियासैंण का चार वर्षीय बच्चा अभी भी अस्पताल में भर्ती है।एसीएमओ डा. रश्मि पंत के मुताबिक लोगों को यह बताया था कि 15 साल से ऊपर के बच्चों को सुबह-शाम एक गोली, 10 से 14 साल के बच्चों को केवल एक गोली, 9 से 5 साल के बच्चों को डॉक्टर की सलाह पर दवा और इससे नीचे उम्र के बच्चों को दवा नहीं देनी है। यह भी कि गर्भवती, स्तनपान करने वाली महिलाओं को भी यह दवा नहीं लेनी है।एसटीएच बाल रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डा. नूतन सिंह ने बताया कि आइवरमैक्टिन के ओवरडोज वाले अब तक पांच बच्चे अस्पताल में आ चुके हैं। इनमें से चार स्वस्थ होकर घर चले गए हैं। बाकी बचा एक बच्चा भी रिकवर हो रहा है। उन्होंने कहा कि घर के सदस्यों को ध्यान रखना है कि दवा को बच्चों की पहुंच से दूर रखें। कुछ बच्चों में इलाज से देरी पर अधिक नुकसान भी हो सकता है।

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