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करोड़ो की अवैध लकड़ी अलग अलग जगह से की बरामद
हल्द्वानी। वन विभाग की टीम ने जुलाई में अभी तक नैनीताल व यूएस नगर जिलों की सीमा में पड़ने वाले विभिन्न वन प्रभागों से लगे इलाकों में छह अलग-अलग स्थानों से बड़ी मात्रा में अवैध लकड़ी बरामद की है। बरामद लकड़ी में सागौन, खैर, शीशम और साल जैसी कीमती प्रजातियां शामिल हैं, जिनकी कीमत करोड़ों रुपये आंकी जा रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि अब तक इन लकड़ियों का मूल स्रोत, यानी किस जंगल से इन्हें काटा गया, इसका कोई स्पष्ट पता नहीं चल सका है और ना ही कोई गिरफ्तारी हुई है। हमेशा की तरह जांच अधिकारी नियुक्त कर जांच शुरू कर दी है।एक माह के भीतर लकड़ी तस्करी के छह मामले आने के बाद से विभाग में ऊपर से नीचे तक हड़कंप मचा हुआ है वहीं वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। जुलाई में सामने आए मामले 26 जुलाईः रामनगर वन प्रभाग की कोसी रेंज की टीम ने बैलगढ़ बैरियर पर पिकअप से खैर, सागौन के 14 अवैध गिल्टे बरामद किए। 15 जुलाईः तराई पश्चिमी वन प्रभाग की एसओजी टीम ने कोसी नदी पर तुन व शीशम की लकड़ी से भरी ट्रैक्टर ट्राली पकड़ी। 15 जुलाईः बरहनी-बाजपुर मोटर मार्ग पर सड़क किनारे खैर की लकड़ी बरामद की जिसे वर्कशाप रामनगर वन परिसर में रखवाया गया। 15 जुलाईः रामनगर पाटकोट से आ रही सागौन के अवैध गिल्टों से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली को पकड़कर कोसी रेंज परिसर में खड़ा किया गया। 13 जुलाई: वन विभाग की टीम ने मुरादाबाद में ढाबे में छिपाकर रखे गए खैर के 23 गिल्टे बरामद किए। 11 जुलाई: रामनगर वन निगम के डिपो से निकला यूकेलिप्टिस का ट्रक रास्ते में गायब हो गया। सात घंटे बाद मिला, तस्करी की आशंका। खैर के 81 पेड़ मामले में दो पर कार्रवाई तराई केन्द्रीय वन प्रभाग की हल्द्वानी रेंज के मोटाहल्दू के जंगलों में बीतों दिनों खैर के 81 पेड़ ठिकाने लगा दिए हैं। बताया जा रहा है कि पेड़ों को ठिकाने लगाने का काम लंबे समय से चल रहा था। मामले में फॉरेस्ट गार्ड को निलंबित और रेंजर को अटैच किया जा चुका है। मामले की जांच कब तक पूरी होगी इस पर अधिकारी मौन हैं। नंधौर रेंज में दो पेड़ काटे हल्द्वानी वन प्रभाग की नंधौर रेंज में तस्करों ने सागौन के दो पेड़ों को ठिकाने लगा दिया है। हल्द्वानी वन प्रभाग में तैनात एसडीओ गणेश दत्त जोशी ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। जब भी अवैध लकड़ी बरामद होती है उसमें केस दर्ज किया जाता है। उसके बाद जांच अधिकारी नियुक्त कर पूरी जांच की जाती है ताकि जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई हो सके। अवैध कटान व लकड़ी की तस्करी रुके उसके लिए मातहतों को विशेष दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। -डॉ. धीरज पांडे, मुख्य वन संरक्षक, कुमाऊं

