उत्तराखण्ड
चम्पावत जिले में टैक्सियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, यात्रियों को उठानी पड़ रही है परेशानियां
रिपोर्ट – विनोद पाल
चम्पावत – महा संगठन टैक्सी यूनियन कुमाऊँ मंडल उत्तराखंड के आदेशानुसार बीते दिन शनिवार से सुरु हुई सभी टैक्सी वाहनों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही जिसका असर चंपावत टनकपुर बनबसा में भी देखने को मिला बता दें दूर दराज राज्यों से आने वाले यात्रियों एवं स्थानीय लोगों को हड़ताल के चलते टेक्सी वाहन उपलब्ध ना होने पर काफी समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है बता दें पर्वतीय क्षेत्र को जोड़ने वाला मुख्य द्वार टनकपुर है जहाँ से यात्री अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच पाते हैं ऐसे टेक्सीयों का संचालन ठप होने से टनकपुर रोडवेज व टेक्सी स्टेण्ड पर यात्रियों के भीड़ एकत्रित हो रही है व परिवहन निगम डिपो की बसें यात्रियों की सुविधा के लिए कम पड़ती हुई नजर आ रही है।
हड़ताल के चलते चम्पावत जिले में सभी मार्गो पर टेक्सीयों का संचालन ठप रहा बता दें जनपद नैनीताल के संभागीय परिवहन कार्यालय हल्द्वानी में फिटनेस सेंटर को नीजी हाथों में दिए जाने से टैक्सी वाहन स्वामी आक्रोशित नजर आ रहे हैं बताया जा रहा है टैक्सी वाहनों की जो फिटनेस ₹2500 में हो जाती थी वहीं अब ₹8000 से ₹10000 में की जा रही है जिसको टैक्सी वाहन स्वामियों द्वारा पूरी तरह से अवैध वसूली बताया जा रहा है ।जिसके चलते पूरे कुमाऊं मंडल में टैक्सी वाहनों के पहिए जाम कर दिए गए हैं।
श्री पूर्णागिरी टैक्सी एसोसिएशन उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह धामी नें बताया फिटनेस सेंटर को निजी हाथों में दिए जाने से टैक्सी वाहन स्वामियों का शोषण हो रहा है जिसके चलते है अवैध वसूली की जा रही है इसी क्रम में महासंघ टैक्सी कुमाऊँ मंडल के आदेशानुसार श्री पूर्णागिरी टैक्सी एसोसिएशन की सभी टेक्सीयों का संचालन हड़ताल के चलते दूसरे दिन भी ठप कर दिया गया हैं वहीं जो टेक्सी चालक स्वामी हड़ताल का समर्थन नहीं करते हुए अपनी टेक्सी संचालित करेंगे तो वह अपने नुकसान के स्वम ही जिम्मेदार होंगे। वहीं अपने परिजनों के साथ लोहाघाट जाने के लिए वाहन का इंतजार कर रहे एक 06 वर्षिय बालक दक्ष ने बताया की वह टनकपुर में लगभग 10 घंटो से अपने परिजनों के साथ टेक्सी वाहन या रोडवेज वाहन के इंतजार में खड़ा है जिसे टनकपुर से लोहाघाट जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल रहा है।
वहीं महिला यात्री दीपा नें बताया टैक्सियों की लगातार 2 दिन हड़ताल होने से उन्हें काफी समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है उन्हें आगे पर्वतीय मार्ग जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल रहा हैं और बताया हड़ताल के चलते वह दो दिनों से परेशान है और उनके सारे पैसे भी ख़त्म हो चुके हैं।