उत्तराखण्ड
हरिद्वार में कावड़ यात्रा के बीच कांवरिये भूले स्वच्छता, इतने मेट्रिक टन कूड़ा छोड़ा
विगत चार जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हुई थी और आज शनिवार 15 जुलाई को सावन की शिवरात्रि के साथ ही कांवड़ यात्रा का समापन हो गया। कांवड़ यात्री जलभर कर अपने गंतव्यों को लौटने लगे।
इस दौरान हरिद्वार में आने वाले कांवड़ यात्रियों की संख्या चार करोड़ के पार पहुंच गई। पहले ही अंदाजा लगाया गया कि था कि इस बार हरिद्वार जल भरने को आने वाले यात्रियों की संख्या पांच करोड़ पहुंच सकती है।
वहीं आस्था के अतिरेक में हरिद्वार गंगाजल लेने पहुंचे चार करोड़ से अधिक कांवड़ तीर्थयात्रियों ने गंगा स्वच्छता का कतई ध्यान नहीं रखा। वह अपने पीछे गंगा और गंगा घाट में डेढ़ सौ मीट्रिक टन से अधिक कूड़ा छोड़कर चले गए। कूड़े की वजह से हरकी पैड़ी सहित क्षेत्र के सभी गंगा घाटों में भारी गंदगी के साथ बदबू व्याप्त है।
कूड़े के कारण बरसात के समय संक्रामक रोग फैलने का खतरा पैदा हो गया है, नगर निगम और अन्य स्वयंसेवी संस्थाएं अपने अपने संसाधनों से इसकी सफाई में लगी हैं। बावजूद इसके माना जा रहा है कि पूरी तरह से सफाई करने में करीब एक सप्ताह का समय लगेगा। तब तक गंगा स्नान को यहां आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों को इसी गंदगी में रहने को मजबूरी होना होगा।
कूड़े में बड़ी संख्या में प्रतिबंधित श्रेणी की पॉलिथीन
विशेष यह कि कूड़े में बड़ी संख्या में प्रतिबंधित श्रेणी की पॉलिथीन भी हैं, जिन्हें गंगा घाटों और गंगा में छोड़ दिया गया है। नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती का दावा है कि मौसम अनुकूल रहा तो क्षेत्र की सफाई दो दिनों में कर दी जाएगी।