उत्तराखण्ड
बेलड़ा प्रकरण में सीबीसीआइडी टीम ने ग्रामीणों के दर्ज किए बयान, एससीएसटी के मुकदमे की जांच करने आई थी टीम
बेलड़ा प्रकरण के मामले में सीबीसीआइडी टीम ने करीब 12 ग्रामीणों के बयान दर्ज किए हैं। टीम ने गांव में पंकज की मौत से लेकर उसके बाद हुई घटना को लेकर सिलसिलेवार जानकारी ली। बेलड़ा प्रकरण में पांच मुकदमे दर्ज हुए थे। सीबीसीआइडी की टीम एससीएसटी के मुकदमे की जांच करने आई थी।
11 जून की रात गांव के पंकज की हत्या का मामला
सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र के बेलड़ा गांव में 11 जून की रात को गांव के ही पंकज का शव सड़क पर मिला था। अगले दिन ग्रामीणों ने पंकज की हत्या का आरोप लगाते हुए शाम तक कोतवाली में धरना प्रदर्शन किया था। शव कोतवाली लेकर आने का प्रयास के दौरान पुलिस से भीड़ की नगर निगम पुल पर नोकझोंक हुई थी। शाम के समय बेलड़ा गांव में जमकर बवाल हुआ था। आक्रोशित भीड़ ने दूसरे पक्ष के घरों में तोड़फोड़ की थी।
पांच अलग-अलग मुकदमे दर्ज
बवाल के दौरान दो इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। पुलिस ने किसी तरह से मामला शांत कराया था। इस मामले में पुलिस ने पांच अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए थे। इनमें से एक मुकदमा अनुसूचित जाति की महिला ने दर्ज कराया था। जिसमें पुलिस और दूसरे पक्ष के लोगों पर घर में लूटपाट, तोड़फोड़, छेड़छाड और जाति सूचक शब्द कहने के आरोप लगाए थे। एससीएसटी के इस मुकदमे की जांच करने के लिए सीबीसीआइडी की टीम शनिवार को रुड़की पहुंची।
सीबीसीआइडी के सीओ चंदन सिंह ने एससपी देहात के कार्यालय में पीड़ित पक्ष के करीब 12 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। सीओ चंदन सिंह ने बताया कि इन सभी लोगों को बयान दर्ज कराने के लिए पहले ही जानकारी दे दी गई थी। उन्होंने बताया कि पहली बार इस मामले में बयान दर्ज हुए हैं।