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उत्तराखण्ड

उच्च न्यायालय में जाम की स्थिति को देखते हुए बुधवार को सुनवाई हुई तय

रिपोर्टर भुवन ठठोला

नैनीताल। मुख्य न्यायाधीश को आज उच्च न्यायालय की महिला अधिवक्ता प्रभा नैथानी ने एक पत्र लिखकर शहर में हो रहे ट्रैफिक जाम की जानकारी दी। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी ने इसे सुओ मोटो मानते हुए पी.आई.एल.के रूप में स्वीकार कर लिया है। बुधवार को मामले में सुनवाई होनी तय हुई है।

प्रभा ने लिखा है कि नैनीताल में खासकर सीजन के दौरान ट्रैफिक जाम की बहुत बड़ी समस्या होती है। कहा कि सीजन के दौरान हजारों पर्यटक अपने वाहनों और टैक्सी से यहां आते हैं, जो जाम का कारण बनते हैं। प्रभा ने मुख्य न्यायाधीश को बताया कि उच्च न्यायालय की तरफ से समय समय पर जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान को ट्रैफिक सुधारने के लिए निर्देश जारी हुए हैं लेकिन नतीजा सिफर है।

मॉल रोड के डेढ़ किलोमीटर की दूरी को पार करने में लगभग डेढ़ घंटा लग जाता है। यातायात पुलिस ट्रैफिक को आसानी से चलाने में नाकाम साबित हुई है जिससे स्कूली बच्चों, कार्यालय कर्मचारियों और अधिवक्ताओं को समय पर पहुँचने में दिखकत होती है।

महिला अधिवक्ता ने लिखा है कि पार्किंग की उचित व्यवस्था के अभाव में होटल प्रबंधन भी पर्यटकों की गाड़ियां सड़क पर ही खडी करवाता है। ऐसे में कई बार एम्ब्युलेंस समेत मरीजों को ले जा रही निजी गाड़ियां ट्रैफिक जाम में फंस गई। पत्र में लिखा गया है कि कालाढूंगी, भवाली और हल्द्वानी से आने जाने वाले ट्रैफिक पर प्रशासन और पुलिस का कोई चैक नहीं है जिससे जाम के हालात पैदा होते हैं।

पुलिस खुद मूकदर्शक बन जाती है। प्रभा ने मुख्य न्यायाधीश को अपने पत्र के साथ अखबारों की कटिंग भी दी है। न्यायालय ने मामले में सचिव शहरी विकास और सचिव परिवहन के साथ नैनीताल की जिलाधिकारी, एस.एस.पी.और ई.ओ. नगर पालिका को पार्टी बनाया है। मामले में बुधवार को मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में सुनवाई होगी।

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