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उत्तराखण्ड

रेलवे जमीन अतिक्रमण मामले में फिर से हुई सुगबुगाहट, आज से संयुक्त सर्वे कार्य शुरू

हल्द्वानी। रेलवे जमीन अतिक्रमण मामले में फिर से सुगबुगाहट शुरू होने लगी है। फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन चल रहा है, अगली सुनवाई 7 फरवरी को होनी है। इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद रविवार से जिला प्रशासन, राजस्व विभाग, फॉरेस्ट और रेलवे का जॉइंट सर्वे कार्य शुरू हो गया है। अपर जिलाधिकारी नैनीताल अशोक जोशी के अनुसार माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद रेलवे जमीन अतिक्रमण से जुड़ी जमीन का संयुक्त सर्वे किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 1959 के नक्शे के आधार पर पैमाइश की जा रही है। सबसे पहले फॉरेस्ट के पिलर को ढूंढा जा रहा है। उसके बाद रेलवे और नजूल, फिर फ्रीहोल्ड के पिलर को देखा जाएगा। उन्होंने यह भी बताया रेलवे की जमीन कितनी है उसका भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

फ़ॉरेस्ट से कितनी सीमा की दूरी पर रेलवे के पिलर हैं, इसके बाद ही सही जमीन का आंकलन किया जा सकता है। जिलाधिकारी नैनीताल के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि राज्य सरकार बताए उनकी जमीन कहां और कितनी है, इसी लिहाज से जमीन की पैमाइश का कार्य शुरू किया गया है।

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