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ज्योतिष

जानिए खरमास कल से,इस दौरान क्या करें और क्या न करें

ज्योतिषियों के अनुसार 14 मार्च शुक्लपक्ष रविवार शाम 6:03 बजे सूर्यदेव बृहस्पति की राशि मीन राशि में प्रवेश करेंगे और 14 अप्रैल की रात 2:33 बजे तक मीन राशि में ही रहेंगे। सूर्य के राशि परिवर्तन को खरमास या मलमास कहा जाता है। इसे मीन संक्रांति भी कहते हैं।

ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा के अनुसार जब सूर्य देव बृहस्पति की राशि धनु या मीन राशि में गोचर करते हैं, तो इस अवधि को ही खरमास या मलमास कहा जाता है।

हिंदू धर्म के अनुसार खरमास में कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। इसे दुष्ट मास भी कहा गया है। इस माह में विवाह कार्य, मुंडन, भूमि-पूजन, यज्ञोपवित, गृह प्रवेश, नया व्यापार, मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।क्योकि सभी कार्यों के लिए गुरु बृहस्पति के बल की आवश्यकता होती है। सूर्य के गुरु की राशि में जाने से गुरु का बल कम हो जाता है। इसलिए कोई भी शुभ कार्य फलित नहीं होता।

इस दौरान क्या करें और क्या न करें-

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार खरमास के दौरान सूर्यदेव की उपासना करें। सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद चढ़ते सूरज को अर्घ्य दें। ऐसा करना आपको शुभ फल देगा, जिससे सूर्य देव की कृपा बनी रहेगी। मलमास में भगवान विष्णु की पूजा करने से मां लक्ष्मी का घर में आगमन होता है और घर परिवार में धन की वृद्धि होती है। खरमास में गुरु और साधुओं की सेवा करनी चाहिए। ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। खरमास में शाम को तुलसी के पौधे पर घी का दीपक जलाने से जीवन की समस्याएं कम होती हैं। इस महीने गोशाला जरूर जाएं। गायों को गुड़ और हरा चना खिलाएं। इस पूरे महीने गाय की पूजा जरूर करें। ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण आपसे प्रसन्न होंगे। खरमास में जरूरतमंदों और गरीबों की जितनी मदद करेंगे उतना ही आपको लाभ होगा।

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