उत्तराखण्ड
भूस्खलन से दरक रहा है नैनीताल, नैनी पिक से बलियानाला तक भू – कटाव
नैनीताल। 18 सितंबर के दिन नैनीताल में महाविनाश की यादें लेकर आता है जिसमें 151 लोग भूस्खलन के मलबे में दबकर मारे गए थे। यह सिर्फ संयोग नहीं बल्कि अनदेखी का भी नतीजा है कि 1880 भूस्खलन के के 143 वर्ष बाद इस सितंबर में फिर से नैनीताल भूस्खलन की चपेट में है।
चौतरफा भूस्खलन से वर्तमान में शहर के हालात गंभीर हैं। वर्तमान में बलियानाला क्षेत्र तो भारी भूस्खलन के चलते नासूर बना ही हुआ है, हाल ही में नैना पीक, टिफिन टॉप, रूसी, राजभवन मार्ग, निहाल नाला क्षेत्र, भवाली मार्ग में भारी भूस्खलन हुआ है।
बीते वर्षों में लोअर माल रोड और बैंड स्टैंड के निकट की भूमि दरक चुकी है जिनका स्थायी इलाज किया जाना है। कुल मिलाकर नैनीताल की सबसे ऊंची चोटी नैना पीक से लेकर सबसे निचले क्षेत्र बलियानाला तक के तमाम इलाके भूस्खलन से जूझ रहे हैं।
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