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उत्तराखण्ड

राज्य में आज इन जिलों में मूसलाधार बारिश की चेतावनी

उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान पर बारिश का दौर जारी है और गढ़वाल मंडलों के जनपदों में भारी बारिश के चलते नदी नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।

मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक आज गढ़वाल और कुमाऊं के कुछ जिलों में भारी से भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने देहरादून, टिहरी और पौड़ी के लिए यलो और कुमाऊं के अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल, उधम सिंह नगर, पिथौरागढ़, बागेश्वर जिलों में आरेंज अलर्ट जारी किया है। जबकि तेज गर्जन के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया, दो जुलाई को गढ़वाल के बजाय कुमाऊं में भारी से भारी बारिश की आशंका है। गढ़वाल के भी कई इलाकों में तेज गर्जन और बिजली चमकने के साथ कई दौर की बारिश हो सकती है। उन्होंने तेज बारिश के दौरान पक्के मकानों में रहने की सलाह दी है। कहा, वाहनों और मवेशियों को खुले स्थान पर न रखें और यात्रा करने से बचें।


मौसम विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 महीने में लैंसडाउन में सबसे अधिक 93.5 एमएम , नैनीताल के ज्यूलीकोट में 62 5 एमएम , उत्तरकाशी में 42 पंतनगर में 30 एमएम सहित कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के तमाम शहरों में रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई। आईएमडी द्वारा उत्तराखंड के लिए जारी तत्कालिक मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक राज्य के नैनीताल उधम सिंह नगर अल्मोड़ा रूद्रप्रयाग पौड़ी अल्मोड़ा बागेश्वर जिले में अगले तीन घंटे में तेज बारिश की संभावना है जिसको लेकर यलो अलर्ट जारी किया है।

नैनी झील का जलस्तर बढ़ा

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नैनीताल में शनिवार रात मूसलाधार बारिश हुई वहीं सात नंबर सहित अन्य घनी आबादी वाले इलाकों में घरों में बारिश का पानी घुस गया। नैनी झील का जलस्तर सामान्य से 05 फिट पार हो गया है। जिले में फिलहाल 7 सड़कों पर यातायात बंद है।

8 स्टेट हाईवे और 97 सड़कें बंद


पिछले 48 घंटों से हो रही लगातार बारिश की वजह से 8 स्टेट हाईवे और 97 सड़कें बंद रहे लोक निर्माण विभाग के मुताबिक राज्य में भूस्खलन और मलवा आने से 90 सड़कें बंद हुई है जबकि 59 सड़कें पहले से बंद थी इस तरह शनिवार सुबह तक बंद सड़कों की संख्या 150 हो गई थी हालांकि देर शाम तक लोक निर्माण विभाग ने 52 लड़कों को यातायात के लिए सामान्य कर दिया लेकिन 97 सड़कें अभी भी नहीं खोल पाए।

पिंडर की सहायक नदी में बनी झील; इन दो जिलों पर मंडराया खतरा

हिमालयी क्षेत्र में वर्षा का दौर जारी है। वहीं कुवारी गांव में लगातार हो रहे भूस्खलन से शंभू नदी में झील बनने का सिलसिला तेज हो गया है। जिससे बागेश्वर जिले से अधिक नुकसान चमोली जिले के गांवों को हो सकता है।
शंभू नदी पर झील बनने की सूचना पर जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। हिमालयी क्षेत्र में वर्षा का दौर जारी है। बागेश्‍वर जिले के अन्य भूभागों में भी रुक रुककर वर्षा हो रही है। पिंडर नदी की सहायक शंभू नदी पर झील बनने की सूचना पर जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है।


कुवारी गांव में लगातार हो रहे भूस्खलन से शंभू नदी में झील बनने का सिलसिला तेज हो गया है। जिससे बागेश्वर जिले से अधिक नुकसान चमोली जिले के गांवों को हो सकता है। बीते शुक्रवार की देर शाम शंभू नदी में भूस्खलन के कारण झील बन गई है। झील बनने से नीचे बसे गांवों को खतरा हो गया है। राजस्व उप निरीक्षक संजय कुमार को किलपारा के सरपंच बसंत देव फोन से जानकारी दी
जिलाधिकारी अनुराधा पाल के निर्देश के बाद सिंचाई विभाग के कर्मचारी मौके के लिए रवाना हो गए हैं। उनके मौके पर पहुंचने के बाद ही झील का मुहाना खोला जाएगा। सिंचाई विभाग के ईई पान सिंह बिष्ट ने बताया कि विभाग के ईई जेई तरुण लुमियाल समेत अन्य कर्मचारी भेजे गए हैं।

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